Nipah Outbreak in Kerala: क्या है रामबूतान फल, जिसे माना जा रहा निपाह वायरस फैलाने की वजह


केरल में अब जब फिर से निपाह वायरस फैल रहा है तो एक फल चर्चा में आ गया है. माना जा रहा है कि निपाह वायरस के फैलने का संबंध इस फल से हो सकता है. दरअसल इस फल को जिन बच्चों ने खाया, वो सभी निपाह से ग्रस्त हो गए, इसमें से एक बच्चे की मौत भी हो गई. इसके बाद इस फल के सैंपल को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी पुणे (NIV Pune) जांच के लिए भेजा गया.

ये फल आमतौर पर देश में उतना चर्चित नहीं है, लेकिन दक्षिण एशियाई देशों में ये खूब होता है और लीची जैसा लगता है. इसे रामबूटन या रामबुतान फल कहा जाता है.अब तक इस फल को फायदेमंद फल के तौर पर जानते थे. हालांकि इसका नुकसान भी है लेकिन इसे वायरस फैलाने वाला फल कभी नहीं माना गया. ये भी संभव है कि इस फल को चमगादड़ ने जूठा किया हो, क्योंकि जब पिछली बार केरल में निपाह फैला था तब भी ये फल और चमगादड़ दोनों चर्चा में आए थे.

पहले जानते हैं कि ये फल कैसा होता है. ये लाल रंग के बालों सी कवच वाला होता है. जिसके अंदर लीची जैसा मीठा गुदेदार फल होता है. हालांकि ये कहा जाता है कि इस फल के पेड़ पर चमगादड़ भी अपना बसेरा बना लेते हैं.

इसमें औषधीय गुण भी होते हैं
इस फल में औषधीय गुण बहुत सारे होते हैं. इसमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, जिंक, कॉपर, मैगनीज़, राइबोफ्लेविन, नियासिन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. फाइटोकेमिकल्स नाम का यौगिक पाया जाता है जिसे एंटीडायबिटिक, एंटी-एलर्जिक और एंटीमाइक्रोबियल माना जाता है. जो शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाने में मदद करता है.

कई ई-कामर्स वेबसाइट पर भी ये फल बिक्री के लिए उपलब्ध है.

एनर्जी लेवल बढ़ाता है
ये शरीर में एनर्जी का लेवल बढ़ता है साथ ही ताज़गी भी महसूस होती है. इसमें कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट काफी मात्रा में होता है. इसमें विटामिनसी और ए भी काफी मात्रा में पाया जाता है. जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायता करता है.

रामबुतान फल का सेवन करने से पाचन क्रिया भी सही रहती है. इस को डाइट में शामिल करने से गैस और अपच जैसी दिक्कतों को कम करने में मदद मिलती है.
ये भी पाया गया कि ये सेहत ही नहीं बल्कि सौंदर्य को भी निखारने में मदद करता है. इसके सेवन से बालों में मजबूती और चमक आती है साथ ही बालों की ग्रोथ भी अच्छी होती है

इस फल के नुकसान भी हैं
– इसमें चूंकि पोटेशियम मौजूदा होता है लिहाजा अधिक मात्रा में सेवन से उल्टी और डायरिया हो सकता है
– इसके छिलके से निकले हुए अर्क का अधिक सेवन करने से शरीर में विषाक्ता स्तर (Toxic level) बढ़ सकता है
– अधिक मात्रा में विटामिन-सी का सेवन से पेट खराब और दस्त की शिकायत हो सकती है
– किसी को नए तरह के खाद्य पदार्थों से एलर्जी है तो रामबुतान से भी एलर्जी की समस्या हो सकती है

क्या है चमगादड़ और रामबुतान फल का संबंध 
आमतौर पर माना जाता है कि जहां भी रामबुतान के पेड़ होते हैं, वहां चमगादड़ ज्यादा होते हैं. वो इसके पेड़ पर रहते हैं. इसके फलों पर बैठते भी हैं. संभल उनके संपर्क में आने से इसके कुछ फल संक्रमित हो जाते हैं. क्योंकि चमगादड़ में कई तरह के वायरस मिलते हैं.

लीची और रामबुतान में अंतर
लीची, रामबुतान से थोड़ी छोटी होती है. इसकी भी त्वचा लाल रंग की होती है, लेकिन रामबुतान की तुलना में खुरदरी होती है. लीची का गुदा भी सफेद होता है, लेकिन इसका स्वाद रामबुतान से अलग होता है. इसके गुदे के अंदर भी बड़ा बीज होता है. लीची की त्वचा ज्यादा मोटी नहीं होती है यानी आप इसे आसानी से छिल सकते हैं.

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