हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक, NDMC के अध्यक्ष धर्मेंद्र ने शुक्रवार को अपने बजट भाषण में कहा कि नई दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन प्रदूषण कम करने के उपायों में आगे है। अब इसने पेट्रोल या डीजल बेस्ड पैसेंजर कारों की खरीद को रोकने का संकल्प लिया है। भविष्य में इलेक्ट्रिक कारों को खरीदकर कॉरपोरेशन अपने मौजूदा बेड़े को भी बदल देगा। उन्होंने बताया कि यह सब सिलसिलेवार तरीके से होगा। NDMC अपने एरिया में 60 से ज्यादा ई-चार्जिंग स्टेशनों की शुरुआत कर चुका है। इस साल 100 से ज्यादा ई-चार्जिंग स्टेशन और सेटअप किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि स्मार्ट बाइक के पूरक के रूप में इस साल ई-स्कूटर की एक फ्लीट को भी तैनात करने की योजना है। साइकिल-इन-सिटी योजना के तहत डेडिकेटेड साइकिल ट्रैक लगाने की उम्मीद है। इससे ऑफिस जाने वाले लोगों को सुरक्षित सफर करने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, धूल के प्रदूषण को कम करने के लिए पेड़ों की धुलाई की जा रही है।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार व्यापक EV पॉलिसी लाने वाली देश की पहली राज्य सरकारों में से एक है। अगस्त 2020 में शुरू की गई इस पॉलिसी ने EV मालिकों को रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान करने से छूट दी थी। दिल्ली सरकार ने 2024 तक राजधानी में कुल गाड़ियों की बिक्री का 25 प्रतिशत हिस्सा EV से होने का लक्ष्य रखा है।
हाल के दिनों में दिल्ली-एनसीआर में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की सेल में तेजी आई है। पहली बार ऐसा हुआ है, जब दिल्ली में पेट्रोल गाडि़यों के बाद सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खरीदे गए हैं। पिछले साल सितंबर और नवंबर के बीच दिल्ली में 82,626 पेट्रोल गाडि़यां बिकीं। इसके बाद इलेक्ट्रिक गाड़ियों का नंबर रहा। उनकी 9,540 यूनिट बिकीं। इस तरह इलेक्ट्रिक वीकल्स ने डीजल और CNG गाड़ियों को बिक्री के मामले में पीछे छोड़ दिया।
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