Tuesday, April 5, 2022
Homeभविष्यNavratri Kanya Pujan 2022: नवरात्रि में कन्या पूजन का क्या महत्त्व है? 

Navratri Kanya Pujan 2022: नवरात्रि में कन्या पूजन का क्या महत्त्व है? 


नवरात्रि में कन्या पूजन का क्या महत्त्व है? 
– फोटो : google

नवरात्रि में कन्या पूजन का क्या महत्त्व है? 


नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की अराधना की जाती है। इसके साथ ही नवरात्रि में कन्या पूजन का भी विधान है। मान्यता है कि कन्या पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं।नवरात्रि संसार को संचालित करने वाली आद्याशक्ति की आराधना का पर्व है। वह सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी हैं। चूंकि नवरात्रि इन्हीं जगत जननी को समर्पित है और भारतीय संस्कृति में कुमारियों को मां का साक्षात स्वरूप माना गया है, इसीलिए कन्या पूजन के बिना नवरात्रि व्रत को पूर्ण नहीं माना जाता। कन्या पूजन नवमी के दिन किया जाता है। हालांकि बहुत लोग कन्या का पूजन अष्टमी को भी करते हैं। कन्या पूजन से मां बहुत प्रसन्न होती हैं और मनोकामनाएं पूरी करती हैं। देवी पुराण में कहा गया है कि मां को जितनी प्रसन्नता कन्या भोज से मिलती है, उनको उतनी प्रसन्नता हवन और दान से भी नहीं मिलती। ज्योतिष में भी कन्या पूजन को बहुत फलदायी माना गया है। अगर बुध ग्रह आपकी कुंडली में बुरा फल दे रहा है, तो आपको कन्या पूजन करना चाहिए। वृष, मिथुन, कन्या, मकर और कुंभ बुध की मित्र राशियां हैं, इसलिए इन राशियों के जातकों को कन्या पूजन का विशेष लाभ मिलता है।

इस नवरात्रि कराएं कामाख्या बगलामुखी कवच का पाठ व हवन। 

आज चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन बन रहे ये दो शुभ योग, जानें मां कूष्मांडा के पूजन का मुहूर्त व सबकुछ।

शास्त्रों अनुसार, दो से दस वर्ष की कन्याओं का पूजन करना चाहिए। नौ कन्याओं का पूजन सर्वोत्तम माना गया है। धर्मज्ञों का कहना है कि संख्या के अनुसार कन्या पूजन का फल मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कन्या पूजन में 9 कन्याओं का पूजन किया जाता है। हर कन्या का अलग और विशेष महत्व होता है।

एक कन्या की पूजा करने से ऐश्वर्य, दो कन्याओं से भोग व मोक्ष दोनों, तीन कन्याओं के पूजन से धर्म, अर्थ व काम तथा चार कन्याओं के पूजन से राजपद मिलता है। पांच कन्याओं की पूजा करने से विद्या, छह कन्याओं की पूजा से छह प्रकार की सिद्धियां, सात कन्याओं से सौभाग्य, आठ कन्याओं के पूजन से सुख- संपदा प्राप्त होती है। नौ कन्याओं की पूजा करने करने से संसार में प्रभुत्व बढ़ता है।

अष्टमी पर माता वैष्णों को चढ़ाएं भेंट, प्रसाद पूरी होगी हर मुराद 

प्रात: काल स्नान करके मां की उपासना करें और प्रसाद में खीर, पूरी, हलवा आदि बनाएं और मां को भोग लगाएं। फिर कन्याओं को आमंत्रित कर उनके पैर धोएं और साफ आसन पर बिठाएं। उन्हें टीका लगाएं और रक्षा सूत्र बांधें। उन्हें मां का भोग लगाया भोजन कराएं। कई स्थानों पर नौ कन्याओं के साथ एक छोटे बालक को भी भोजन कराया जाता है, जिसे भैरवनाथ का स्वरूप या लंगूर कहा जाता है। कन्याओं को विदा करते समय सामर्थ्य के अनुसार पैसा, अनाज या वस्त्र दक्षिणास्वरूप दें। पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें। फिर स्वयं भोजन करें।

अधिक जानकारी के लिए, हमसे instagram पर जुड़ें ।

अधिक जानकारी के लिए आप Myjyotish के अनुभवी ज्योतिषियों से बात करें।

 





Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular