M57 के नाम से जाना जाने वाला रिंग नेबुला, 8.8 की स्पष्ट परिमाण के साथ एक सूर्य जैसे तारे का चमकता हुआ अवशेष है। फ्रांसीसी खगोलशास्त्री एंटोनी डार्कियर डी पेलेपोइक्स (Antoine Darquier de Pellepoix) ने 1779 में इसकी खोज की थी। इस नेबुला के सेंटर में दिखने वाली “रिंग” चमकते हुए गैस का एक मोटा सिलेंडर है और नष्ट हो चुके तारे के चारों ओर की धूल है। नासा ने कहा कि जैसे-जैसे तारे का ईंधन खत्म होना शुरू होगा, इसका कोर छोटा और गर्म हो जाएगा और इसकी बाहरी परतों को उबाल कर खत्म कर देगा।
Spitzer टेलीस्कोप ने अपने इन्फ्रारेड ऐरे कैमरे का इस्तेमाल करके इस नेबुला का पता लगाया है, जो बाहरी क्षेत्रों को विस्तार से दिखा रहा है, जो पंखुड़ियों की तरह दिखाई देते हैं। स्पिट्जर हाइड्रोजन अणुओं से इन्फ्रारेड लाइट का पता लगा सकता है, जो तारे से अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन को सोखती हैं। इससे पहले ली गई तस्वीरें विज़िबल-लाइट टेलीस्कोप द्वारा ली गई थी, जो आमतौर पर मुरझाते तारे के चारों ओर गैस के आंतरिक चमकते लूप को दिखाती हैं। रिंग नेबुला शौकिया एस्ट्रोनोमर्स का एक आसान लक्ष्य है, क्योंकि इसे आसानी से देखा जा सकता है और यह पृथ्वी की ओर झुका हुआ है।
नासा ने अगस्त 2003 में स्पिट्जर टेलीस्कोप लॉन्च किया था, जिसे पहले स्पेस इन्फ्रारेड टेलीस्कोप सुविधा के रूप में जाना जाता था। इसे जनवरी 2020 में बंद कर दिया गया था। ऑपरेशन के दौरान, Spitzer ने शनि ग्रह के एक विशाल वलय की खोज की, और 40 लाइट ईयर दूर एक तारे के आसपास सात पृथ्वी के आकार के ग्रहों के एक सिस्टम का खुलासा किया।
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