नासा के मुताबिक, स्टीफन बोवेन की स्पेस में यह चौथी यात्रा होगी। अपनी सात स्पेसवॉक में वह 40 दिनों से ज्यादा समय तक अंतरिक्ष में रहे हैं। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में उनकी पहली लंबी यात्रा क्रू-6 होगी। अमेरिका के मैसाचुसेट्स के कोहासेट में जन्मे बोवेन ने मैरीलैंड में US नेवल अकेडमी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रैजुएशन डिग्री ली है। जुलाई 2000 में उन्हें नासा ने अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना था। उससे पहले बोवेन सबमरीन ऑफिसर थे।
वहीं, 2017 में नासा के अंतरिक्ष यात्री चुने गए वुडी हॉबर्ग की यह पहली यात्रा होगी। अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुने जाने से पहले होबर्ग MIT में असिस्टेंट प्रोफेसर थे। वह एयरोनॉटिक्स और एस्ट्रोनॉटिक्स पढ़ाते थे। नासा के अनुसार वुडी हॉबर्ग एक कमर्शल पायलट भी हैं। वह नासा की 18 “आर्टेमिस टीम” अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं। इन्हीं में से कुछ यात्रियों को नासा आने वाले समय में चांद की सतह पर दोबारा लैंड करने के लिए भेजेगी।
SpaceX अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिए नासा का भरोसेमंद प्राइवेट पाटर्नर साबित हो रहा है। कमर्शल कंपनियां लो अर्थ ऑर्बिट में ट्रांसपोर्टेशन सर्विस का लोड उठाती हैं, ताकि नासा अपने संसाधनों का इस्तेमाल भविष्य के मिशन डिजाइन करने पर कर सके।
हाल के मिशनों की बात करें, तो नासा ने एक बार फिर से अपने मून मिशन आर्टेमिस 1 (Artemis 1) के तय लॉन्च को एक महीने आगे बढ़ा दिया है। स्पेस एजेंसी ने 12 फरवरी 2022 को मिशन लॉन्च करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन इंटीग्रेटेड टेस्टिंग प्रोग्राम में समस्या ने नासा को शेड्यूल में देरी करने के लिए मजबूर किया है। नासा ने कहा है कि अब वह मार्च और अप्रैल में मिशन लॉन्च करने की संभावना देख रही है। आर्टेमिस प्रोग्राम का मकसद इस दशक के अंत तक अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की सतह पर वापस उतारना है।
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