मुंबई ड्रग्स केस को लीड करने वाले एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर मुंबई से दिल्ली तक कई तरह के इल्जाम लगे। समीर वानखेडे़ पर लगे इल्जामात की जांच भी शुरू हो गई है इसीलिए अंदाजा ये लगाया जा था कि उन्हें दिल्ली बुलाया गया है लेकिन समीर वानखेड़े ने कहा कि वो किसी दूसरे काम से दिल्ली आए हैं। असल में आरोप ये लगा था कि शाहरुख के बेटे को छोड़ने के लिए। समीर वानखेड़े की तरफ से 25 करोड़ की डिमांड हुई थी। ये पैसा वानखेड़े की तरफ से किरण गोसावी ने मांगा था और इसमें से 8 करोड़ समीर वानखेड़े को दिए जाने थे, ये आरोप उस शख्स ने लगाए जो आर्यन खान ड्रग्स केस में एनसीबी का गवाह था और उनका मेन विटनेस था।
प्रभाकर साईल नाम के शख्स ने इल्जाम लगाया कि अगर आर्यन खान 25 करोड़ दे देता तो उसे छोड़ दिया जाता। प्रभाकर साईल, किरण गोसावी का बॉडीगार्ड है जो क्रूज ड्रग्स केस में एनसीबी की मदद कर रहा था।
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प्रभाकर साईल ने हलफनामे में कहा, “सारा मामला पैसों से जुड़ा है। आर्यन खान को ड्रग्स केस से रिलीज करने के बदले मोटी रकम मांगी गई थी। 25 करोड़ की डिमांड की गई थी। मामला 18 करोड़ में फाइनल हो गया था और इसमें से आठ करोड़ समीर वानखेडे को मिलने थे।”
प्रभाकर ने कहा, “क्रूज रेड के बाद जो कुछ हुआ मैंने सबकुछ देखा, मैं वहां मौजूद था। इसमें किरण गोसावी और सैम डिसूजा नाम के एक शख्स को एनसीबी के दफ्तर के पास मिलते हुए मैंने देखा। डील फाइनल होने के बाद किरण गोसावी और सैम दोनों मुंबई के लोअर परेल इलाके में गए थे, वहां पर वह शाहरुख खान की मैनेजर से मिले थे। वहां से कुछ पैसे किरण गोसावी ने रिसीव भी किए थे।”
अपने बयान में ब्लैंक पेपर का जिक्र करते हुए प्रभाकर साईल ने कहा, “एनसीबी ने ब्लैंक पेपर पर उसके साइन लिए थे और इसी पेपर को बाद में विटनेस का बयान बताकर सामने रख दिया गया। इसी को लेकर मैंने आज मुंबई के ज्वाइंट कमिश्नर से मुलाकात की। मैंने सहार पुलिस स्टेशन में अपना स्टेटमेंट रिकॉर्ड करवाया और पुलिस प्रोटेक्शन की मांग की।”