Meerut Ghaziabad MLC Election 2022 मेरठ गाजियाबाद एमएलसी चुनाव 2022 भाजपा के मंत्रियों के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं हैं। इस परीक्षा में योगी के ये मंत्री पास हुए तो ही आगे उन पर भरोसा किया जा सकेगा। पश्चिमी उप्र में दो केंद्रीय मंत्री और चार प्रदेश स्तर के राज्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा इस चुनाव में दांव पर हैं। वहीं विपक्ष रालोद से उम्मीदवार भी पूरी ताकत लगा रहे हैं।
मेरठ
Published: April 04, 2022 10:50:53 am
Meerut Ghaziabad MLC Election 2022 मेरठ गाजियाबाद एमएलसी चुनाव 2022 भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। मेरठ गाजियाबाद एमएलसी चुनाव में गठबंधन प्रत्याशी कड़ी टक्कर दे रहे हैं। भाजपा के लिए एमएलसी चुनाव 2022 जीतना अब हर हाल में जरूरी हो गया है। मेरठ गाजियाबाद एमएलसी चुनाव 2022 में भाजपा प्रत्याशी की जीत के लिए योगी सरकार के चार मंत्री और पीएम मोदी के दो मंत्रियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इस चुनाव से भाजपा दिग्गजों की जमीनी हकीकत का भी पता चल जाएगा। इस चुनाव में अब भाजपा के 6 मंत्रियों और पदाधिकारियों की प्रतिष्ठा दांव पर हैं।
Meerut Ghaziabad MLC Election 2022 : सीएम योगी के इन मंत्रियों की खास दांव पर, दिग्गजों के जमीनी पकड़ का इम्तिहान
इनमें केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान के अलावा गाजियाबाद से सांसद केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह भी शामिल हैं। इसके अलावा मेरठ दक्षिण विधानसभा सीट से चुनाव जीते डा0 सोमेंद्र तोमर जो कि उर्जा राज्यमंत्री हैं इसके अलावा प्रदेश सरकार में मंत्री नरेंद्र कश्यप, दिनेश खटीक और केपी मलिक भी चुनावी रणनीति बनाने की तैयारी में लगे हैं। प्रदेश इकाई ने इन मंत्रियों को अपने क्षेत्रों में चुनावी रणनीति के लिए बैठकों करने और हर वोट पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। नोएडा विधायक पंकज सिंह को मेरठ गाजियाबाद एमएलसी चुनाव 2022 का प्रभारी बनाया है। भाजपा ने मेरठ-गाजियाबाद सीट पर धर्मेंद्र भारद्वाज को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा प्रत्याशी धर्मेंद्र भारद्वाज मंत्रियों एवं संगठन के समन्वय से अपनी चुनावी जमीन मजबूत कर रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह एवं प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल भी वर्चुअल बैठक कर मेरठ गाजियाबाद की एमएलसी सीट को हर हाल में बड़ी जीत दर्ज करने के निर्देश दे चुके हैं। साथ ही पार्टी ने साफ कर दिया है कि एमएलसी चुनावों को लेकर जिलों में आयोजित बैठकों में प्रदेश सरकार के मंत्रियों का रहना जरूरी होगा।
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