Friday, March 11, 2022
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Meen Sankranti 2022: मीन संक्रांति पर सूर्य देव की कृपा पाने के सरल उपाय, जानिए क्यों वर्जित होते हैं शुभ कार्य 


मीन संक्रांति पर सूर्य देव की कृपा पाने के सरल उपाय, जानिए क्यों वर्जित होते हैं शुभ कार्य 
– फोटो : google

मीन संक्रांति पर सूर्य देव की कृपा पाने के सरल उपाय, जानिए क्यों वर्जित होते हैं शुभ कार्य 

प्रत्येक माह सूर्य देव अपना राशि परिवर्तन करते हैं। जिस दिन सूर्य किसी राशि में गोचर करते हैं उसे संक्रांति कहते हैं। प्रत्येक वर्ष बारह संक्रान्ति होती हैं। इस वर्ष 2022 में 14 व 15 मार्च की रात्रि को सूर्य कुंभ से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे। हिंदू कैलेंडर का फाल्गुन माह वर्ष का अंतिम माह होता है और यह आख़री संक्रांति होती है। जब सूर्य मीन में प्रवेश हैं तब गुरु की सक्रियता कुछ कम हो जाती है। मीन संक्रान्ति होते ही खरमास लगता है, जिस कारण शुभ कार्य वर्जित होते हैं। राशि परिवर्तन के पश्चात् 14 अप्रैल की प्रातः 08 बजकर 56 मिनट तक मीन राशि में सूर्य गोचर करेंगे और माँगलिक कार्यों की शुरुआत भी हो जाएगी।

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शास्त्रानुसार मीन संक्रांति का धार्मिक महत्व बताया गया है। व्यवहारिक रूप से भी इसे उत्तम माना जाता है। इसी दिन से उत्तरायण शुरू हो जाता है, जिसे देवताओं का समय कहा जाता है। मान्यता है कि इस दौरान देवता काफी सशक्त और सक्रिय होते हैं। माना जाता है कि इस दौरान नकारात्मकता में कमी आ जाती है और दिन ऊर्जावान हो जाता है।

यदि कुंडली में सूर्य नकारात्मक हों, तो मीन संक्रांति पर कुछ सरल उपाय करके आप उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। ब्रम्हमुहूर्त में उठकर नदी में स्नान करें या घर में गंगाजल पानी में डालकर स्नान करने के बाद सूर्यदेव को प्रणाम करके तांबे के पात्र से उन्हें अर्घ्य देते हुए आदित्यह्रदय स्त्रोत का पाठ करने से कुंडली में सूर्य ग्रह के नकारात्मक प्रभाव में कमी आती है।

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मीन संक्रान्ति की कुछ सरल पूजा विधियाँ भी हैं। इस दिन सूर्यदेव की पूजा और उपासना भी की जाती है, जिससे नकारात्मकता दूर हो जाती है। इस दिन स्नान करने के बाद तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें चंदल, चावल तथा फूल मिलाकर सूर्यदेव को प्रणाम करके उन्हें अर्घ्य देते समय ताम्बे की थाली नीचे रख लें और जल को एकत्रित कर लें। एकत्रित किए हुए जल को मस्तक, हृदय और दोनों बाहों में लगाएँ। फिर मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करें और सूर्य देव के तेरह मंत्रों का जाप या आदित्यह्रदय स्त्रोत का पाठ करें। मीन संक्रांति के दिन गरीब या ब्राह्मणों को दान करना और गाय का चारा खिलाना अत्यंत शुभ होता है।

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