Thursday, January 6, 2022
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Makar Sankranti 2022: ‘मकर संक्रांति’ पर बना रहा है विशिष्ट संयोग ,जानिए अच्छा है या बुरा?


Astrology

oi-Ankur Sharma

By ज्ञानेंद्र शास्त्री

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नई दिल्ली, 06 जनवरी। ‘मकर संक्रांति’ हिंदूओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं इसलिए इसे ‘मकर संक्रांति’ के नाम से जाना जाता है। ये दिन बड़ा पावन माना जाता है क्योंकि इस दिन से खरमास का अंत होता है, जिससे मंगल कामों की शुरुआत होती है। ‘मकर संक्रांति’ के बाद से ठंड कम होती है और वातावरण में गर्माहट पैदा होने लगती है। इस बार ‘मकर संक्रांति’ का पर्व बहुत ज्यादा खास है क्योंकि इस दिन कुछ विशिष्ट संयोग बन रहे हैं।

ज्योतिषियों के अनुसार इस बार मकर संक्रांति पर रोहणी नक्षत्र, ब्रह्म योग और आनंदादि योग का निर्माण हो रहा है, जो कि काफी शुभ है। माना जाता है कि रोहणी नक्षत्र में दान-पुण्य करने से यश की प्राप्ति होती है और कष्टों का अंत होता है।

आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से

  • रोहिणी नक्षत्र: 14 जनवरी को रोहिणी नक्षत्र शाम 08 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र है। जो कि सौभाग्य, यश, सुख और तरक्की का मानक है। इस नक्षत्र में किया गया कोई भी काम काफी फलदायक होता है।
  • ब्रह्म योग: ब्रह्म योग एक दुर्लभ योग है जो कि मूल रुप से अच्छे परिणाम प्रदान करता है। ये सुख , धन और खुशियों का मानक है।
  • आनंदादि योग: जैसा कि नाम से स्पष्ट है कि ये योग केवल आनंद प्रदान करता है। इसके होने से कष्ट दूर होते हैं। इंसान सुख का भागीदार बनता है। किसी भी मंगल काम करने के लिए ये योग बेहद शुभ माना जाता है।

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‘मकर संक्रांति’ पर क्या करें

  • मकर संक्रांति के पुण्यकाल में पवित्र नदियों में सबसे पहले स्नान करें, अगर नदी पर नहीं जा पा रहे तो घर में ही नल के पानी में गंगाजल की बूंदे डालकर स्नान करें।
  • इसके बाद शिवलिंग पर रूद्राभिषेक करते हुए जल अर्पित करें।
  • फिर सूर्यदेव को अर्ध्य दें और उनकी पूजा करें।
  • हो सके तो अष्टोत्तरनामात्मक सूर्य स्तोत्र, सूर्य सहस्त्रनामावली अथवा वेदोक्त सूर्य सूक्त का पाठ करें।
  • सूर्य के बीज मंत्र ऊं घृणि सूर्याय नम: का जाप करें।
  • ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान दें।
  • काले तिल का दान करें।

English summary

A very special coincidence is being made on January 14 means Makar Sankrant. know its importance of Rohini Nakshatra, Brahma Yoga and Anandadi Yoga.

Story first published: Thursday, January 6, 2022, 7:00 [IST]



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