जाने किस पेड़ मे है भगवान गणेश का वास
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जाने किस पेड़ मे है भगवान गणेश का वास
हिंदू धर्म में पेड़ पौधों की भी पूजा की जाती है। हिंदू धर्म के अनुसार कई पेड़ और पौधे ऐसे हैं जिनमें स्वयं ईश्वर का वास माना गया है। हिंदू धर्म में एक ऐसा धर्म है जिसमें न केवल पशु-पक्षी को पूजा जाता है बल्कि प्रकृति के चक्र को बनाए रखने के लिए पेड़-पौधों की भी पूजा की जाती है। जिस प्रकार सूर्य, वायु, जल, पृथ्वी और अग्नि को ईश्वर का रूप माना गया हैं उसी प्रकार कुछ पेड़-पौधे ऐसे है जैसे कि तुलसी और पीपल जिनमे ईश्वर का वास होता है। आज हम आपको एक ऐसे ही पेड़ के बारे में बताएंगे जिसमें भगवान श्री गणेश का वास होता है।
यह पेड़ अक्सर बंजर जमीन पर मिलता है। यह एक जहरीला पौधा माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पेड़ में भगवान श्री गणेश का वास होता है। इस पौधे को आँखें का पेड़, आक का पेड़, आकड़ा, अकुआ और मदार के नाम से जाना जाता है। यह पौधा बहुत ही आसानी से मिल जाता है। इस पौधे की पत्तियाँ थोड़ी चौड़ी होती हैं जिनके बीच एक गुच्छे में सफेद रंग के फूल आते हैं। इसमें दो प्रकार की प्रजातियां होती है एक जिसमे सफेद रंग के फूल आते हैं और दूसरे जिसमें सफेद के साथ हल्की बैंगनी रंग के फूल आते हैं। बैंगनी रंग के फूल वाला पौधा अक्सर जंगलों में मिलता है, वहीं सफेद रंग के फूल वाला पौधा लोग अपने घर में लगाते हैं।
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इस पौधे के पुष्प भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। कहते हैं यदि इस पौधे को घर में किसी शुभ मुहूर्त में लगाया जाए तो यह पौधा आपके कई बड़े बड़े काम बनाने में मदद करता है।
अब इस पौधे से जुड़ी कुछ खास मान्यताओं के बारे में जानते हैं।
ज्योतिष के जानकार कहते हैं यदि आपके घर में कोई ऐसा व्यक्ति है जिसका रोग पकड़ में नहीं आ रहा है तो आपको ऐसे में आंख की जड़ रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र में घर लानी चाहिए और गंगाजल से पवित्र कर कर उस पर सिंदूर लगा कर गूगल की धूप से पूजा करनी चाहिए। धूप के बाद गणेशजी के 108 मंत्र का पूरी श्रद्धा के साथ जप करना चाहिये। उसके बाद जड़ को रोगी के सिर के ऊपर से सात बार उतारकर शाम को किसी सुनसान जगह पर जाकर गाड़ कर आ जायें। इस उपाय को करने के कुछ समय बाद रोगी का रोग पकड़ में आ जाएगा।
आंख की जड़ का उपाय करने से जो महिला संतान सुख से वंचित होती हैं उन्हें संतान का सुख अवश्य मिलता है। आइए जानते हैं क्या हैं आक की जड़ का वह उपाय। कहते हैं कि महिलाओं को आक की जड़ अपनी कमर में बांधनी चाहिए। जो महिला संतान सुख से वंचित है उसे पीरियड्स के बाद आक की जड़ को अपनी कमर में बांधकर रखना चाहिए जब तक उसके अगले पीरियड आते हैं। कहते हैं इस उपाय से महिला को संतान सुख की प्राप्ति अवश्य होती है।
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आक का पेड़ सौभाग्य लाने वाला पेड़ माना गया है। कहते हैं यदि आपका भाग्य आपका साथ नहीं दे रहा है तो इसकी जड़ को अभिमंत्रित करके बुधवार को दाएँ भुजा पर बांध ले और उसके बाद गणेश जी का सौभाग्यवर्धक संकटनाशन स्तोत्र का पाठ करें। इस उपाय को करने से आपके मार्ग में आ रही सभी परेशानियां दूर होने लगती है और भाग्य में वृद्धि होती है। जिससे आपके सभी कार्य आसानी से पूर्ण होने लगते हैं।
यदि आपके परिवार पर दुष्ट ग्रहों की वृद्धि, बुरी आत्माओं, टोने टोटके, बुरी नज़र, किसी भी प्रकार के तंत्र मंत्र या दुर्भाग्य का असर रहता है। ऐसे में आपको आक के सफेद फूल वाले पौधे को रवि पुष्य योग में घर के मुख्य दरवाजे के नजदीक लगाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में किसी भी प्रकार की बुरी नजर तंत्र मंत्र या दुर्भाग्य का असर नहीं होता है। यदि किसी व्यक्ति के ऊपर तांत्रिक कार्य भी किया गया है तो भी आक का एक अभिमंत्रित टुकड़ा कमर में बांधने से उस तांत्रिक क्रिया का कोई भी प्रभाव व्यक्ति पर नहीं पड़ता है और वह निष्फल हो जाती है।
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