क्यों आपको कुछ समय के लिए फोन से ब्रेक लेना चाहिए, जानें इसके 5 कारण


Bad Effects of Smartphone: इसमें कोई शक नहीं कि स्मार्टफोन ने हमारे जीवन को आसान कर दिया है. दुनिया भर की चीजों की जानकारी हमें सेकेंड में स्मार्टफोन पर मिल जाती है. दुनिया के किसी कोने में बैठे अपनों से बात करने में अब किसी बात की देरी नहीं होती. लेकिन स्मार्टफोन की कड़वी सच्चाई यह भी है कि इसके अत्यधिक इस्तेमाल से हमें कई तरह की शारीरिक तथा मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है. टीओआई की खबर के मुताबिक यह न सिर्फ हमें फिजिकल परेशानी में धकेलता है बल्कि स्मार्टफोन के कारण ऑनलाइन सूचनाओं की भरमार से भारी तनाव और अवसाद से भी गुजरना पड़ सकता है. टीओआई की खबर के मुताबिक ऐसे पांच कारण हैं जिनकी वजह से आपको मोबाइल से ब्रेक लेने की जरूरत है. आइए जानते हैं इन पांच कारणों के बारे में-

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आंख को नुकसान
मोबाइल का सबसे ज्यादा निगेटिव असर आंख पर पड़ता है. सेल फोन की स्क्रीन आंख में मौजूद photoreceptor को हानि पहुंचाती है. इससे आंखों में कई तरह की तकलीफें होती हैं. आंखों में दर्द, सिर में दर्द, धुंधला दिखाई देना और आंखों में सूखापन इसके सामान्य लक्षण हैं. इसलिए आपको अब स्मार्टफोन से कुछ दिनों का ब्रेक लेने की जरूरत है.

हाथ की सर्जरी भी करानी पड़ सकती है
अगर आप रोजाना 5 से 6 घंटे स्मार्टफोन पर बिताते हैं तो भविष्य में कार्पेल टनेल (carpal tunnel) और सेल्फी रिस्ट (selfie wrist) की समस्या हो सकती है. कार्पेल टनेल हाथों में होने वाला एक विकार है जिसमें हाथ, कलाई आदि की नसों में कमजोरी आ जाती है जिसके कारण दर्द और ऑवरऑल हाथ में कमजोरी होती है. दूसरी ओर सेल्फी रिस्ट सेल्फी लेने के कारण कोहनी में होने वाली बीमारी है. इसमें कोहनी में दर्द और कमजोरी आ जाती है. ऊंगलियां टेढी दिखने लगती है. कई बार इसकी सर्जरी भी करानी पड़ती है.

समय से पहले उम्र का प्रभाव
कई अध्ययनों से यह साबित हो चुका है कि फोन में हजारों तरह के जर्म पाए जाते हैं. स्मार्टफोन अक्सर सिर, गाल, नाक, आंख इत्यादि को छूता है. इसकी वजह से फोन में मौजूद जर्म स्किन में आ जाते हैं जो दाग, धब्बे, कील-मुहांसों का कारण बनते हैं. यहां तक कि स्किन पर समय से पहले (प्रीमेच्योर एजिंग) उम्र का प्रभाव दिखने लगता है.

स्लीपिंग पैटर्न को बिगाड़ देता है
स्मार्टफोन स्लीपिंग पैटर्न यानी सोने के स्वरूप को पूरी तरह से बिगाड़ देता है. हमारे शरीर की एक घड़ी होती है जो नियत समय पर काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है लेकिन जब से स्मार्टफोन आया अधिकांश लोग स्मार्टफोन को रात में सोते समय इस्तेमाल करते हैं. इसकी स्क्रिनलाइट आंखों की पुतली को बहुत सक्रिय बना देती है जिसके कारण जल्दी नींद नहीं आती. इसलिए सोने के समय स्मार्टफोन की वजह से नींद का नहीं आना एक समस्या बनती जा रही है.

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अत्यधिक तनाव
फोन का अत्यधिक इस्तेमाल करेंगे तो अत्यधिक तनाव भी लेंगे. इंटरनेट पर छान मारने के चक्कर में सूचनाओं का अथाह भंडार आपके अंदर समाने की कोशिश करता है. इस जाल में आप उलझने लगते हैं. सही और गलत जानकारी दोनों से आपके दिल को ठेस पहुंचती है. लेकिन आपकी आदत इसमें और ज्यादा उलझाती है. नतीजा तनाव और अवसाद बनकर सामने आता है.

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