कुछ पाउंड के वजन का ये डिवाइस कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसके अंदर सेंसर्स का एक जाल बिछा दिया गया है। इसके अलावा डिवाइस में और भी इलेक्ट्रोनिक एलीमेंट्स का प्रयोग किया गया है। यह आपके दिमाग की विद्युतीय तरंगों का माप और विश्लेषण करेगा। दिमाग में जब कोई विचार दौड़ता है तो उस वक्त में मस्तिष्क में रक्त प्रवाह पर क्या असर पड़ता है यह उसके बारे में भी जानकारी जुटाएगा। इससे यह पता लग पाएगा कि मनुष्य के शरीर के विभिन्न अंग बाहरी दुनिया में हो रही गतिविधियों के प्रति किस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं।
शोधकर्ता इस बात को लेकर काफी उत्साहित हैं कि इस हेल्मेट से मस्तिष्क की बढ़ती उम्र, मानसिक विकार, चक्कर आना, स्ट्रोक और आध्यात्मिक अनुभवों जैसे ध्यान और साइकेडेलिक यात्राओं के पीछे की मैकेनिक्स आदि सवालों के जवाब मिल सकेंगे।
Kernel के सीईओ जॉन्सन हैं। Kernel एक ऐसा स्टार्टअप है जो हजारों की संख्या में ऐसे हेल्मेट्स का निर्माण करने में लगा हुआ है जो कि काफी हल्के और किफायती हैं। इस तरह के हेल्मेट्स की न्यूरो वैज्ञानिकों, कम्प्यूटर वैज्ञानिकों और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स को हमेशा से आवश्यकता रही है। ताकि मानव मस्तिष्क को यूनिवर्सिटी और सरकारी प्रयोगशालाओं के बाहर भी जांचा जा सके।
पहले Kernel हेल्मेट्स मस्तिष्क अनुसंधान संस्थानों को भेजे जा रहे हैं। उसके बाद उन कंपनियों को जो कि जानना चाहती हैं कि लोग किसी प्रोडक्ट के बारे में किस तरह के विचारों के द्वारा निर्णय लेते हैं। इससे कंपनियों को उपभोक्ताओं के लिए उनकी जरूरतों के अनुसार प्रोडक्ट बनाने में बेहतर महारत हासिल होगी। Johnson का कहना है कि सन् 2030 तक वो इन हेल्मेट्स की कीमत को एक स्मार्टफोन की कीमत के बराबर ले आएंगे ताकि अमेरिका के हर एक घर में इस तरह का एक हेल्मेट होगा।
इनमें से एक डिवाइस का नाम Flow है। यह किसी बाइक के हाइ-टेक हेल्मेट की तरह दिखता है। इसमें अनिगिनत एल्यूमीनियम पैनल लगे हुए हैं जो कि सिर के चारों ओर बिछाए गए हैं। इसको दूसरी ओर से पलट कर देखने पर अंदर की ओर इसमें सेंसर्स की एक रिंग बनी हुई दिखती है। इसमें पीछे की ओर दिए गए वायर से इसे कम्प्यूटर से कनेक्ट किया जा सकेगा।
यह डिवाइस ब्लड ऑक्सीजन लेवल में आ रहे बदलाव को माप सकती है। सक्रिय दिमाग और तंत्रिकाओँ के कार्य करने के दौरान रक्त दिमाग की ओर ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए दौड़ता है। रक्त में हीमोग्लोबिन के रूप में प्रोटीन भी तैर रहा होता है। जब यह ऑक्सीजन को ट्रांसपोर्ट कर रहा होता है तो यह इंफ्रारेड लाइट को अलग तरीके से अवशोषित करता है। Flow डिवाइस इसी प्रक्रिया का लाभ लेती है और इसी समय पर मस्तिष्क में लेजर तरंगे छोड़ती है। जिससे परावर्तित फोटोन के द्वारा यह पता लग पाता है कि ब्लड ऑक्सीजन लेवल में कहां पर कितना बदलाव आया है।
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