नई दिल्ली, 6 दिसंबर। अपने कार्यालय के कर्मचारियों के बीच अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की छवि धमकाने वाली और लगातार आत्मा को चोट पहुंचाने वाली आलोचना करने वाली बन गई है। डेली मेल ने यह बात एक उदार समाचारपत्र के हवाले से कही।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वाशिंगटन पोस्ट के एक खंड में उपराष्ट्रपति से जुड़े 18 लोगों के साथ साक्षात्कार का परिणाम प्रकाशित हुआ है, जिसमें कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि उन्होंने जो ब्रीफिंग तैयार की थी, उसे उपराष्ट्रपति ने नहीं पढ़ा।
कमला हैरिस के लिए काम करने वाले कर्मचारियों का दावा है कि दो उच्चस्तरीय कर्मचारियों के प्रस्थान कर जाने की पुष्टि के बीच प्रकाशित किया गया है कि दो अन्य को दरवाजा दिखा दिया गया।
उपराष्ट्रपति कार्यालय के एक पूर्व सहयोगी ने वाशिंगटन पोस्ट को बताया, यह स्पष्ट है कि आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ काम नहीं कर रहे हैं जो तैयारी करने और काम करने को तैयार है।
कमला के साथ आपको लगातार आत्मा को चोट पहुंचाने वाली आलोचना और अपने स्वयं के आत्मविश्वास की कमी को भी सहना होगा।
रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारी ने कमला हैरिस के बारे में कहा, तो आप लगातार धमकाने का सहारा ले रही हैं और यह वास्तव में स्पष्ट नहीं है कि क्यों?
इस बीच, 2013 में कमला के साथ सिर्फ पांच महीने काम करने वाले गिल दुरान ने नौकरी छोड़ने से पहले कहा कि उपराष्ट्रपति वही पुराने विनाशकारी पैटर्न को दोहरा रही हैं।
गिल दुरान ने सैन फ्रांसिस्को एक्जामिनर के अपने कॉलम में लिखा, हमने अपने छोटे टेक्स्ट ग्रुपों में एक-दूसरे के बीच जो कुछ कहा है, वह यह कि इस सब के माध्यम से उनकी आम विभाजक की छवि बनी है, जो वह हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने वाशिंगटन पोस्ट से बात करते हुए कहा, अगले प्रतिभाशाली लोग कौन हैं जिन्हें आप लाने और जलाने जा रही हैं और फिर दिखावा करती हैं कि वे सकारात्मक कारणों से सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
डेली मेल ने बताया कि लोगों ने पोलिटिको को बताया कि और भी कमला हैरिस के कक्ष के कुछ और प्रमुख सदस्य बाहर निकलने पर नजर रख रहे हैं और उन्होंने इसमें रुचि व्यक्त की है कि उपराष्ट्रपति एक वर्ष से भी कम समय में अपना पद छोड़ने जा रही हैं।
शीर्ष डेमोक्रेटों ने कहा कि कमला की पोल रेटिंग में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि 2024 में राष्ट्रपति के लिए उनकी दौड़ की संभावना से वह चिंतित हैं। जो बाइडेन को दूसरा कार्यकाल नहीं चाहने का फैसला करना चाहिए।
(आईएएनएस)