आम की लकड़ियों से ही क्यों किया जाता है हवन
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आम की लकड़ियों से ही क्यों किया जाता है हवन
हिंदू धर्म में जब भी कोई शुभ कार्य किया जाता है तो उसमें हवन अवश्य किया जाता है। हम लोग अक्सर हवन होते हुए देखते हैं और हवन भी करते हैं परन्तु शायद ही कभी यह सोचा हो कि हवन करने में मात्र आम की लकड़ियों का ही इस्तेमाल क्यों किया जाता है किसी और पेड़ की लकड़ी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। आम की लकड़ी के साथ साथ घी, कपूर, लौंग, इलायची, मिश्रि, चावल, हवन सामग्री जैसी कई सामग्रियां आम की लकड़ी के साथ मिलाई जाती है। हवन शुद्धि के लिए किया जाता है। जिस स्थान की शुद्धि करनी होती उस स्थान पर हवन किया जाता है। आज हम आपको आम की लकड़ी का इस्तेमाल करने का धार्मिक कारण के साथ साथ वैज्ञानिक कारण भी बताएंगे।
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हिंदू धर्म में कई ऐसे खास मौके होते हैं जिनमें हवन अवश्य किया जाता है। जैसे कि घर में जब किसी बच्चे का जन्म होता है तो उसके जन्म के बाद नामकरण संस्कार किया जाता है जिसमें हवन का आयोजन होता है। शादी विवाह में भी हवन जरूर किया जाता है। फेरों के समय दूल्हा दुल्हन हवन की अग्नि को ही साक्षी मानकर एक दूसरे को पति पत्नी के रूप में ग्रहण करते हैं।
इतना ही नहीं जब किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसके बाद भी हवन किया जाता है। परिवार में किसी की भी मृत्यु के बाद तेरह दिन का शोक मनाया जाता है और उसके बाद तेरविह के दिन
हवन किया जाता है और पंडितों को भोजन कराया जाता है। जिस व्यक्ति की मृत्यु हो गई है उसकी आत्मा की शांति के लिए हवन कराया जाता है।
भगवान श्री सत्यनारायण की पूजा के दौरान भी हवन का आयोजन किया जाता है। साथ ही कुछ नये और विशेष कार्य के दौरान भी हवन किया जाता है। जैसे कि जब कोई व्यक्ति नया घर खरीदा है तो उसमें प्रवेश करने से पहले गृहप्रवेश की पूजा की जाती है जिसमें भवन का आयोजन किया जाता है।
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हवन किसी भी कारण से किया जा रहा हो उसमें मात्र आम की लकड़ी में ही सभी सामग्री मिलाई जाती है। आम की लकड़ी में धूप, देवदारों लकड़ी, कपूर, गुलाब की पंखुड़ी, चंदन, लोबान, अक्षत और फूल मिलाकर हवन किया जाता है। शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से आसपास की नकारात्मक था सकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
बात करते है वैज्ञानिक कारण की, वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च की गई थी जिसमे यह परिणाम सामन आये थे की आम की लकड़ी से कार्बन डाइऑक्साइड अन्य लकड़ी की तुलना में कम मात्रा में निकलती है। साथ ही यह अधिक ज्वलनशील भी होती है। रिसर्च में यह भी पाया गया कि आम की लकड़ी जलने से इसमें वल्मिक एल्डिहाइड नामक गैस निकलती है जिससे कई तरह के बैक्टीरिया और जीवाणु मर जाते हैं और वातावरण भी शुद्ध हो जाता है।
उसकी शुद्धता के कारण ही हवन में आम की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है। यह बात धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही कारणों से सिद्ध हो जाती है।
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