चंद्रमा से जुड़ी कुछ जरूरी बातें, जाने आप भी
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चंद्रमा से जुड़ी कुछ जरूरी बातें, जाने आप भी
खगोल विज्ञान में चन्द्रमा को पृथ्वी का एक प्राकृतिक उपग्रह माना जाता है। ज्योतिषशास्त्र में भी चंद्र ग्रह का काफी विशेष महत्व होता है। जातक की चंद्र राशि का अनुमान चंद्रमा की स्थिति के अनुसार लगाया जाता है। कुंडली के 12वें भाव में स्थित चन्द्रमा जातक को अलग अलग प्रभाव देता है। चन्द्रमा मन, माता, मानसिक स्थिती, मनोबल, यात्रा, सुख शांति, धन संपत्ति आदि का कारक ग्रह माना जाता है। इसी के साथ आपको बता दें कि राशियों में कर्क राशि और नक्षत्रों में रोहिणी, हस्त और श्रावण नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा होता है। यह आकार में सबसे छोटा होता है। परंतु, इसकी गति सबसे तेज होती है। यह सवा दो महीने की अवधि में ही एक राशि से दूसरी राशि में युति कर लेता है।
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि राशिफल का ज्ञात करना हो तो व्यक्ति की चंद्र राशि को आधार माना जाता है। जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में होता है वही जातक की चंद्र राशि कही जाती है। वही बात करें लाल किताब की तो लाल किताब के अनुसार चंद्र शुभ ग्रह है। यह सौम्यता और शीतलता को धारण करता है। चन्द्रमा और मन का एक दूसरे से सीधा सम्बन्ध होता है। यदि किसी व्यक्ति का चंद्रमा नीच या पीड़ित होता है तो उसके मन मे नकारत्मक विचार वास करते हैं। वही जिस जातक का चंद्रमा सही दशा में होता है इससे जातक के मन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं। मन की कल्पनाशीलता भी चंद्रमा की स्थिती से प्रभावित होती है।
वहीं बात करें उनकी जिनके लग्न भाव मे चंद्रमा होता है ऐसे लोग दिखने में सुंदर और आकर्षक होता है साथ ही काफी साहसी भी होता है। जिन लोगों की कुंडली में लग्न भाव में चंद्रमा होता है वह सिद्धांतों को काफी महत्व देते हैं। साथ ही ऐसे लोग कल्पनाशील के साथ साथ संवेदनशील और भावुक भी होते।
जिन लोगों का चंद्रमा उच्च का होता है सही दशा में होता है तो उनके लिए यह बहुत ही उपयोगी साबित होता है ऐसे लोग सभी काम ईमानदारी से करते हैं। वह देखने में सुन्दर होते हैं और उनके मन में सदा सकारात्मक विचारों का प्रवाह रहता है। वही जिन लोगों की कुंडली में चन्द्रमा खराब होता है या नीच का होता है ऐसे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तो उन लोगो को चाहिए कि वह अपने चन्द्रमा को मजबूत करें। आइए जानते हैं कि किन उपायों से चंद्रमा को मजबूत किया जा सकता है।
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5 से 11 सोमवार के व्रत करने से जातक का चंद्रमा मजबूत होता है। सोमवार के दिन चावल, चांदी, दूध आदि का दान करना लाभदायक होता है। चंद्रमा को मजबूत करने के लिए भगवान शिव की पूजा को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। जिन लोगों को अपना चंद्रमा मजबूत करना है वह रूद्राक्ष धारण करें और भगवान शिव की आराधना करें। संभव हो तो अमरनाथ यात्रा या पूजन भी कर सकते हैं। चंद्रमा का संबंध सोमवार और सफेद रंग से होता है। चंद्रमा मजबूत करने के लिए जातक को सोमवार के दिन सफेद वस्त्र धारण करने चाहिए और साथ ही ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्राय नम मंत्र का 3-11 माला का जप करना चाहिए।
चंद्रमा को मजबूत करने के लिए जातक अपनी राशि के अनुसार रतन या मोती धारण कर सकता है। वैसे तो चंद्रमा का रत्न चंद्रकांत मणि माना गया है परंतु एक बार राशि के अनुसार किसी ज्योतिषी से सलाह ले लेना उत्तम माना जाता है। जिन लोगों का चन्द्रमा कमजोर होता है उन्हें मन के भाव में आकर एकदम कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए और साथ ही अपने मित्रों और दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। अपने बड़ों की सलाह लेनी चाहिए किसी भी फैसले से पहले यदि आप शादीशुदा हैं तो आप अपनी संतान का अच्छे तरीके से पालन पोषण करें इससे आपका चंद्रमा मजबूत होगा।
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