परीक्षा में होता है स्ट्रेस, अपनायें यह टिप्स
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परीक्षा में होता है स्ट्रेस, अपनायें यह टिप्स
चिंता चिता समान होती है यह बात सभी जानते है। परन्तु जब बच्चे पढ़ाई की चिंता में स्ट्रेस लेने लगते है तो उनकी एकाग्रता कम होने लगती है। जिसके चलते वह परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं और उन्हें स्वास्थ्य से संबंधित कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ जाता है। वास्तुशास्त्र हमारे वैदिक शास्त्र का अटूट हिस्सा है जिसमे हमारे घर और जीवन में आ रही परेशानियों के आसान उपाय मिल जाते हैं। आज हम आपको ऐसी ही कुछ वास्तु टिप्स बताएंगे जिन्हें आप स्टूडेंट कि एकाग्रता बढ़ाने और तनाव कम करने के लिए आजमा सकते हैं।
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सबसे पहले बात करते हैं कि बच्चों का कमरा कैसा और किस दिशा में होना चाहिए। जो बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं उन बच्चों का कमरा हमेशा उत्तर, उत्तर पूर्व या पूर्व दिशा में होना चाहिए। ऐसा करने से स्टूडेंट हमेशा ऊर्जा से परिपूर्ण रहते हैं और उन्हें कभी थकान नहीं होती है। इन दिशाओं में कमरा होने से छात्रों की स्मरण शक्ति भी बढ़ती है।
हमेशा कहा जाता है की घर में सुबह की रौशनी आनी चाहिए यह बात छात्रों के लिए और महत्वपूर्ण हो जाती है। छात्रों के कमरे की खिड़कियों को ऐसी दिशा में बनवाएं जिससे सुबह के उगते हुए सूरज की रौशनी पूर्ण रूप से कमरे में आये। इससे उनमें सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। साथ ही ध्यान रखें कि छात्रों का कमरा कभी भी टॉयलेट या सीडीयों के नीचे न बनवाएं और उनकी स्टडी टेबल के ऊपर बीम नहीं आए क्योंकि स्टडी टेबल के ऊपर आने वाला बीम छात्रों में स्ट्रेस लेवल को बढ़ा देता है।
उत्तर या पूर्व दिशा में पढ़ाई करने से एकाग्रता बढ़ती है। इसलिए आप अपने बच्चों की स्टडी टेबल उत्तर या पूर्व की और रखे ताकि जब बच्चे पढ़ाई करे तो उनका मुँह पूर्व या उत्तर दिशा में हो इससे उनकी एकाग्रता बढ़ेगी और वह पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन कर पायेंगे।
स्टडी टेबल को हमेशा साफ तथा खिड़की के साथ रखें। इससे बच्चों में रचनात्मकता बढ़ती है।
आपको बता दें कि स्टडी टेबल के ऊपर या सामने कभी भी शीशा नहीं रखना चाहिए या फिर ऐसी दिशा में भी शीशा न लगाएं जिसमे किताबें दिखाई दे। कहते हैं इससे बच्चों पर पढ़ाई का प्रेशर बढ़ता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का उत्तर पूर्व कोना जिसे ईशान कोण कहते हैं उसमें सभी देवी देवताओं का वास होता है इसलिए इस दिशा को हमेशा साफ सुथरा रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार यहाँ पर भारी सामान जूते या कचरे का डिब्बा बिल्कुल भी नहीं रखना चाहिए इससे बच्चे हमेशा कन्फ्यूजन की स्थिती में रहते हैं और पढ़ाई में भी मन नहीं लगता है।
विद्या की देवी माँ सरस्वती है। छात्रों को देवी सरस्वती की पूजा करनी चाहिये और उन्हें अपने सिरहाने सरस्वती यंत्र को रखना चाहिए इससे छात्रों को सरस्वती माँ का आशीर्वाद मिलता है और उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है।
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छात्रों के कमरे में पूर्व दीवार पर दौड़ते हुए घोड़े या फिर उगते हुए सूर्य की फोटो लगानी चाहिए इससे बच्चों में पढ़ाई और परीक्षा के लिए उत्साह बना रहता है।
अब बात करते हैं बच्चों के सर्टिफिकेट ट्राफी को किस दिशा में रखना चाहिए। बच्चों के सर्टिफिकेट और ट्राफी उनके उत्साह वर्धन का कार्य करते हैं। यह उन्हें उनके मनोबल का एहसास दिलाते रहते हैं। इसलिए इनको सही दिशा में लगाना बहुत ही आवश्यक होता है। वास्तु शास्त्र में बच्चों के सर्टिफिकेट और ट्रोफ़ी के लिए कमरे की दक्षिण दिशा उत्तम बताई गई है।
एक अच्छी नींद बच्चो में एकाग्रता बढ़ाती हैं और उनकी चिंता को भी कम करती है। इसलिए इस बात को हमेशा ध्यान रखें की सोते समय छात्रों का सिर दक्षिण दिशा की तरफ हो ताकि उनको अच्छी और पूरी नींद मिले।
इन सभी टिप्स को अपनाने से छात्रों को उत्तम परिणाम हासिल होंगे। वह महसूस कर पाएंगे कि उनकी एकाग्रता बढ़ रही है। इन टिप्स को अपनाने से छात्रों का मन पढ़ाई में लगा रहेगा और वह स्ट्रेस भी कम लेंगे।
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