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lekhaka-Gajendra sharma
नई दिल्ली, 16 फरवरी। प्रत्येक शुभ कार्य गुरु की साक्षी में किया जाता है। जब गुरु अस्त हो जाए तो मांगलिक कार्य भी नहीं किए जाते हैं। गुरु फाल्गुन कृष्ण सप्तमी बुधवार 23 फरवरी 2022 को सायं 7 बजे पश्चिम में अस्त हो जाएगा। 29 दिन अस्त रहने के बाद चैत्र कृष्ण षष्ठी बुधवार 23 मार्च 2022 को प्रात: 6.41 बजे पूर्व दिशा में उदय हो जाएगा। गुरु अस्त रहने की अवधि में विवाह, मुंडन, नूतन गृह प्रवेश जैसे समस्त मांगलिक कार्यो पर प्रतिबंध लग जाएगा।
गुरु अस्त का प्रभाव
कुम्भेगुरोरस्तमयात्प्रजाया: पीड़ापरंगर्भवतौ च जाया ।
इसके अनुसार कुंभराशिगत गुरु के अस्त होने से प्रजाजनों एवं गर्भवती स्ति्रयों को पीड़ा होगी, व्यापारिक वस्तुओं में प्राय: मंदी का वातावरण बनेगा। शुभ कर्मो, शुभ कार्यो में, सत्कर्मो में कमी आती है। मनुष्यों में परस्पर वैचारिक मतभेद बढ़ेंगे।
राशियों पर प्रभाव
- मेष : कार्यो की गति मंद पड़ेगी, उत्साह में कमी आएगी।
- वृषभ : सत्कर्मो में कमी आएगी, शुभ कार्य पूरे करने में बाधा आएगी।
- मिथुन : संकट में कमी आएगी, आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।
- कर्क : मानसिक मजबूती मिलेगी, पैसों की आवक बढ़ेगी।
- सिंह : यात्रा, पर्यटन, धार्मिक कार्यो में मन लगेगा, पैसा आएगा।
- कन्या : स्वास्थ्य खराब होगा, मानसिक अशांति अनुभव होगी।
- तुला : पुराने लोग फिर मिलेंगे, आर्थिक लाभ होगा, तनाव बढ़ेगा।
- वृश्चिक : अवसरवादी बनेंगे, अशांति होगी, परिवार में विवाद होगा।
- धनु : सत्कर्मो में कमी आएगी, आर्थिक समस्या दूर होगी।
- मकर : स्वास्थ्य खराब होगा, मानसिक रूप से अशांत रहेंगे।
- कुंभ : परिवार में विवाद बढ़ेगा, आर्थिक संकट आएगा।
- मीन : धार्मिक, आध्यात्मिक कार्यो में शामिल होंगे। धन लाभ होगा।
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क्या उपाय करें
गुरु अस्त होने की 29 दिन की अवधि में सभी राशि के जातक कोई गलत कार्य न करें। स्वयं को सत्संग से जोड़े। गुरु, माता-पिता, वरिष्ठजन और अपने ईष्ट देव की आराधना करें। विष्णुसहस्रनाम का नित्य जाप करें।
English summary
Guru Ast or Planet Jupiter Will Set On 23 February, There Will Be No Muhurta For Marriages And Auspicious Works Till 26 March.