PTI के अनुसार, दोनों कंपनियां मिलकर Jio Space Technology Limited नाम का एक जॉइंट वेंचर चलाएंगे, जिसमें Jio Platforms (JPL) और SES के पास क्रमशः 51 प्रतिशत और 49 प्रतिशत इक्विटी की हिस्सेदारी होगी। जियो स्पेस टेक्नोलॉजी लिमिटेड मल्टी-ऑर्बिट स्पेस नेटवर्क का उपयोग करेगा, जो जियोस्टेशनरी (GEO), और मीडियम अर्थ ऑर्बिट (MEO) सैटेलाइट ग्रुप के कॉम्बिनेशन से बना है। ये कॉम्बिनेशन भारत और पड़ोसी क्षेत्रों तक बिजनेस, मोबाइल बैकहॉल और रिटेल ग्राहकों को मल्टी-गीगाबिट लिंक और क्षमता प्रदान करने में सक्षम है।
बयान में कहा गया है कि “यह जॉइंट वेंचर भारत में एसईएस के सैटेलाइट डेटा और कनेक्टिविटी सर्विस प्रदान करने के लिए काम करेगा। हालांकि, कुछ अंतरराष्ट्रीय एरोनॉटिकल और मैरिटाइम ग्राहकों को छोड़कर, जिन्हें एसईएस द्वारा सेवा दी जा सकती है। इसमें एसईएस की तरफ से 100 जीबीपीएस क्षमता तक की उपलब्धता होगी और मार्केट को बढ़ाने के लिए भारत में जियो की मजबूत स्थिति और सेल्स लाभदायक साबित होगी।”
Jio के निदेशक आकाश अंबानी ने कहा, “जबकि हम अपने फाइबर-आधारित कनेक्टिविटी और एफटीटीएच बिजनेस का विस्तार करना जारी रखेंगे और 5जी में निवेश करेंगे, एसईएस के साथ यह नया जॉइंट वेंचर मल्टीगीगाबिट ब्रॉडबैंड के विकास को और तेज करेगा।” उन्होंने आगे कहा कि “सैटेलाइट कम्युनिकेसन सर्विस द्वारा प्रदान की जाने वाली एक्स्ट्रा कवरेज और क्षमता के साथ, Jio दूरस्थ शहरों और गांवों, बिजनेस, सरकारी प्रतिष्ठानों और उपभोक्ताओं को नए डिजिटल इंडिया से जोड़ने में सक्षम होगा।”