नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर ( Jammu Kashmir ) में चुनाव से पहले एक बार फिर सियासत गर्मा गई है। पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ( Mehbooba Mufti ) के बाद अब नेशन कॉन्फ्रेंस ( National Conference ) प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ( Farooq Abdullah ) ने भी केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। इसी कड़ी में फारूक अब्दुल्ला ने अब BSF के अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के मुद्दे को उठाया है। अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर बहुमत के दम पर तानाशाही का आरोप लगाया है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस चीफ अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार को लगता है कि वो बहुमत के दम पर कुछ भी निर्णय ले सकती है। बिना परिणाम सोचे, लोगों की चिंता किए बगैर केंद्र सरकार मनमाने फैसले ले रही है। बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाया जाना इन्हीं में से एक है।
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फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पंजाब में मोदी सरकार ने 50 किमी क्षेत्र बीएसएफ को सौंप दिया क्यों? क्या उनकी पुलिस इसे नियंत्रित करने में सक्षम नहीं है? अब्दुल्ला ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जो लड़ाई नागालैंड में देखने को मिल रही है वही लड़ाई अब पंजाब में देखने को मिल सकती है।
एनसी चीफ ने कहा कि, हमने कभी भारत के खिलाफ कोई नारा नहीं लगाया। हमें पाकिस्तानी कहा जाता था। मुझे खालिस्तानी भी कहा गया। हम महात्मा गांधी के रास्ते पर चलते हैं और गांधी के भारत को वापस लाना चाहते हैं।
जब तक सरकार समझेगी तब तक देर हो चुकी होगी
अब्दुल्ला ने कहा, हमें अब वो रास्त खोजना होगा, जिससे हमें अपने हक दोबारा मिल सकें। नेशन कॉन्फ्रेंस प्रमुख का इशारा आर्टिकल 370 को लेकर था। उन्होंने कहा हमेशा जम्मू-कश्मीर को मुश्किल से मुश्किल दौर से निकाला है।
उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार को हमारी बातें समझ में आएंगी तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। अब पानी सिर से ऊपर निकल चुका होगा। हमें पाकिस्तानी बताया जा रहा है, लेकिन सच तो यह है कि हमने हमारी पार्टी के किसी कार्यकर्ता ने देश के खिलाफ नारा नहीं लगाया।
दिल और दिल्ली की दूरी का दावा भी गलत
अब्दुल्ला ने कहा कि हम लोगों ने कभी ग्रेनेड नहीं फेंका, कभी पत्थर नहीं उठाया, लेकिन जो दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी कम करने के दावे करते थे, वो भी गलत साबित हुए। बताइए दिल्ली और दिल की दूरियां पहले से ज्यादा कम हुईं या फिर बढ़ी हैं।
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गरीबों के सपने टूट रहे
फारूक अब्दुल्ला ने मोदी सरकार को गरीब विरोधी बताया। उन्होंने गरीब मां-बाप कर्जा लेकर बच्चे को पढ़ाते हैं ताकी उसका भविष्य उज्जवल हो। लेकिन अब उनके सपने टूट रहे हैं। महंगाई ने उनकी कमर तोड़ दी है। अब्दुल्ला ने कहा कि ऐसे बड़े-बड़े दावे ठोकने वालों से बच कर रहें जो कहते हैं हम गरीबों के साथ हैं।