Jammu Kashmir में एक तरफ बीजेपी समेत अन्य राजनीतिक दल अपनी पकड़ मजबूत बनाने में जुटे हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस चुनाव से पहले ही झटकों का सामना कर रही है। राहुल गांधी के दौरे के बावजूद पार्टी में अंदरुनी कलह कम नहीं हो रही। ताजा इस्तीफे इसी कड़ी का अहम हिस्सा माने जा रहे हैं
नई दिल्ली। कांग्रेस ( Congress )के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पंजाब और राजस्थान में बमुश्किल अंदरुनी कलह पर लगाम लगी ही थी, कि अब एक और राज्य से पार्टी के लिए बुरी खबर सामने आई। जम्मू-कश्मीर ( Jammu Kashmir ) में महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ( Gulam Nabi Azad ) खेमे से जुड़े पदाधिकारियों ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इन नेताओं ने बकायदा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) को खत लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा है।
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A group of Congress leaders from Jammu & Kashmir submit their resignation to party’s interim chief Sonia Gandhi “in protest of non-providing of opportunity of being heard about retrospection of INC affairs in J&K.”
— ANI (@ANI) November 17, 2021
घाटी में जमीन तलाश रही कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। चुनाव से पहले ही पार्टी के नेताओं के कई नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद खेमे से जुड़े पदाधिकारियों ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीए मीर पर कई तरह के आरोप लगाया है। त्यागपत्र में कहा गया है कि मीर की अध्यक्षता में कांग्रेस लगातार पिछड़ती जा रही है।
अनदेखी के कारण कई नेता पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। इस्तीफा देने वालों में चार पूर्व मंत्री और तीन विधायक भी शामिल हैं।
प्रदेश अध्यक्ष पर अनदेखी का लगाया आरोप
जम्मू के साथ घाटी के इन नेताओं, पूर्व मंत्रियों और विधायकों ने अनदेखी का आरोप लगाते हुए पदों से अपना संयुक्त तौर पर इस्तीफा दिया है।
इसकी कॉपी पाटी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी के साथ प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल को भी भेजी गई है।
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जिन प्रमुख लोगों ने इस्तीफा सौंपा है, उनमें जीएम सरूरी, जुगल किशोर शर्मा, विकार रसूल, डॉ मनोहर लाल शर्मा, गुलाम नबी मोंगा, नरेश गुप्ता, सुभाष गुप्ता, अमीन भट, अनवर भट, इनायत अली और अन्य शामिल हैं।
एक तरफ बीजेपी समेत अन्य राजनीतिक दल घाटी में पकड़ मजबूत बनाने में जुटे हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस चुनाव से पहले ही झटकों का सामना कर रही है। राहुल गांधी के दौरे के बावजूद पार्टी में अंदरुनी कलह कम नहीं हो रही। ताजा इस्तीफे इसी कड़ी का अहम हिस्सा माने जा रहे हैं।