बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक अपने अभिनय की छाप छोड़ने वाले एक्टर इरफान खान की आज बर्थ एनिवर्सरी है। इरफान खान का जन्म 7 जनवरी 1967 को जयपुर के एक मुस्लिम पठान परिवार में हुआ था। 29 अप्रैल 2020 को इरफान खान ने दुनिया को अलविदा रह दिया था। केवल 54 साल की उम्र में दुनिया से अलवीदा कह दिया। साल 2018 में इरफान खान को न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर का पता चला था। करीब दो साल तक उनका लंदन में उनका इलाज चला था। इसके बाद उनकी तबीयत में सुधार होने के बाद वह भारत वापस आ गए थे लेकिन किसी पता था कि एक्टर इतनी जल्दी सब छोड़कर चले जाएंगे।
इरफान के निधन के बाद उनकी पत्नी सुतापा सिकदार और बड़े बेटे बाबिल सोशल मीडिया पर उनकी यादें साझा करते रहते हैं। बीते साल सुतापा ने फेसबुक पर अपनी एक पोस्ट में लिखा था कि उन्होंने और उनके कुछ दोस्तों ने इरफान के लिए उनके कुछ पसंदीदा गाने गाए थे। सुतापा बताती हैं, इरफान उस समय बेहोश थे, लेकिन वे उन गानों को सुन पा रहे थे। इसका सबूत उनकी आंख से बहते आंसू थे।
एक अंग्रेजी वेबसाइट से बात करते हुए उन्होंने बताया कि उन्होंने कौन –कौन से गाने सुनाए थे। वह कहती हैं कि ‘झूला किने डाला रे, उमराव जान का अमरैया झूले मोरा सइयां लूं मैं बलइयां, लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो ना हो, आज जाने कि जिद ना करो… और रबींद्र संगीत। वह बेहोश थे लेकिन उनके आंसू बह रहे थे।
पिछले साल इरफान की पुण्यतिथि पर सुतापा ने सोशल मीडिया पर एक लंबा नोट शेयर किया था। उन्होंने इरफान के जाने बाद के बीते दिनों का दर्द साझा किया था। सुतापा ने उन दिनों को सबसे कठिन दिन बाताया था।
इस नोट में उन्होंने लिखा था, “जिम्मेदारियों को निभाते-निभाते ये दिन कैसे बीत गए पता ही नहीं लगा। इनमें से कुछ जिम्मेदारियां बिल्कुल नई थीं, जैसे कई जगह उनका नाम बदलना पड़ा। मेरे हाथ कांपते रहे, उंगलियां रुकती रही कि मैं इरफान का नाम कैसे हटा सकती हूं उनकी जगह कैसे ले सकती हूं। मैं हस्ताक्षर करने में असमर्थ थी। एक दिन की छुट्टी लेकर मैंने अपने दिमाग को सेट किया, जैसे किसी फिल्म को प्रोजेक्टर में किया जाता है।”
इरफान अपने पीछे पत्नी सुतापा और दो बेटों को छोड़ गए हैं। उनके बड़े बेटे बाबिल खान जल्द ही अभिनय के क्षेत्र में डेब्यू करने वाले हैं। बाबिल के पास इस वक्त यशराज बैनर का प्रोजेक्ट ‘द रेलवे मेन’, नेटफ्लिक्स के साथ ‘काला’ और शूजित सरकार की फिल्म है।