कोडुरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इंटेल का नया कस्टम कंप्यूट ग्रुप एनर्जी एफिशिएंट एक्सेलरेटर्स के नजरिए के साथ ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के डिवेलपमेंट में योगदान देगा। उन्होंने बताया कि क्रिप्टो माइनिंग और ब्लॉकचेन्स के लिए बड़ी मात्रा में कंप्यूटिंग पावर की जरूरत होती है जिससे एनर्जी की काफी खपत होती है। इस समस्या से निपटने के लिए कंपनी का लक्ष्य एनर्जी एफिशिएंट चिप्स बनाना है। कोडुरी ने कहा, “हमारे कस्टमर्स बेहतर सॉल्यूशंस चाहते हैं और इस वजह से हम बड़े स्तर पर एनर्जी एफिशिएंट कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजीज डिवेलप करने की कोशिश कर रहे हैं।”
नए एप्लिकेशन स्पेसिफिक इंटीग्रेटेड सर्किट (ASIC) को विशेषतौर पर क्रिप्टो माइनिंग के लिए डिजाइन किया गया है। कंपनी का यह प्रोजेक्ट पहले “Bonanza” कोडनेम के साथ लीक हुआ था। इंटेल ने अब यह पुष्टि कर दी है कि इन ब्लॉकचेन एक्सेलरेटर्स को इस वर्ष के अंत में पेश किया जाएगा। क्रिप्टोग्राफी और हैशिंग तकनीक पर दशकों की रिसर्च की मदद से कंपनी को विश्वास है कि ये नए अल्ट्रा लो-वोल्टेज क्रिप्टो माइनिंग चिप अन्य क्रिप्टो माइनिंग चिप्स की तुलना में प्रति वॉट 1,000 गुना बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे।
क्रिप्टो माइनिंग में इलेक्ट्रिसिटी की खपत बहुत अधिक होने के कारण चीन जैसे कुछ देशों ने बिटकॉइन माइनिंग पर रोक लगा दी है। अमेरिका में भी क्रिप्टो माइनिंग से इलेक्ट्रिसिटी की खपत बढ़ने का विरोध किया जा रहा है। ईरान ने भी हाल ही में इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत के कारण क्रिप्टो माइनिंग एक्टिविटीज पर तीन महीने की रोक लगाई है। ईरान की अथॉरिटीज अवैध बिटकॉइन माइनिंग सेंटर्स पर नियंत्रण करेंगी, जो 600 मेगावॉट से अधिक इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल करते हैं। इंटेल का यह चिप अगर इस मुश्किल का हल निकालने में सक्षम होता है तो इससे क्रिप्टो माइनिंग में तेजी आ सकती है।
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