भारतीय कप्तान विराट कोहली ने दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतने का सपना टूटने का दोष टीम की खराब बल्लेबाजी को देते हुए शुक्रवार को कहा कि वह इसके अलावा कोई और बड़ी वजह नहीं देख रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका की टीम के सामने तीसरा और अंतिम टेस्ट जीतने के लिये 212 रन का लक्ष्य था जो उसने तीन विकेट खोकर हासिल करने के साथ ही सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली।
भारत ने सेंचुरियन में पहला टेस्ट मैच 113 रन से जीतकर शानदार शुरुआत की थी लेकिन जोहानिसबर्ग में दूसरा मैच सात विकेट से हार गया था। दक्षिण अफ्रीका ने तीसरे टेस्ट को भी इसी अंतर से जीतकर भारत के ‘अंतिम किला फतह’ करने के सपने को तोड़ दिया। मैच के बाद पुरस्कार समारोह में कोहली ने कहा कि बल्लेबाजी टीम की कमजोर कड़ी साबित हुई और इसके अलावा वह अभी किसी और चीज पर ठीकरा नहीं फोड़ सकते है।
कोहली ने कहा, “यह बल्लेबाजी ही थी (जिसके कारण हारे)। इसके अलावा किसी और किसी अन्य पहलू पर सवाल नहीं उठा सकते है लोग तेज गेंदबाजी और उछाल के बारे में बात करते हैं, उनकी (दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाज) लंबाई को देखते हुए, वे तीनों टेस्ट मैचों में विकेट से अधिक मदद प्राप्त करने में सक्षम रहे। महत्वपूर्ण क्षणों में एकाग्रता की कमी की कीमत हमें चुकानी पड़ी। विरोधी टीम उन क्षणों को अपने नाम करने में सफल रही।”
कोहली ने कहा, “दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाज हम पर काफी देर तक दबाव बनाये रखने और हमें गलतियां करने के लिए मजबूर करने में सफल रहे। वे इन परिस्थितियों को अच्छी तरह समझते है।”
भारतीय टीम दूसरी पारी में ऋषभ पंत की शतकीय पारी के बाद भी 198 रन ही बना सकी। जिससे दक्षिण अफ्रीका को ज्यादा बड़ा लक्ष्य नहीं मिला। भारतीय कप्तान ने कहा, “बल्लेबाजी में सुधार जरूरी है, मै इससे भाग नहीं रहा हूं। सीरीज के दौरान कई बार हमारे एक बल्लेबाज के पवेलियन लौटने के बाद लगातार कई विकेट गिरे। यह अच्छी चीज नहीं है। जाहिर है कि इससे काफी निराश हूं। हमें पता है कि एक टीम के तौर पर हमने कितना लंबा सफर तय किया है। लोग यह उम्मीद कर रहे थे कि हम दक्षिण अफ्रीका को उसकी सरजमीं पर हरा सकते हैं, यह हमारी पिछली सफलताओं की गवाही है।”
उन्होंने कहा, “इस बार हम ऐसा नहीं कर सकें और यही सच्चाई है। इसे स्वीकार कर के और बेहतर क्रिकेटरों के तौर पर वापसी करेंगे। हम इस जीत का श्रेय दक्षिण अफ्रीकी टीम को भी देना चाहेंगे। यह सभी के लिए शानदार टेस्ट सीरीज रही। यह कड़ी मेहनत वाली सीरीज रही है। पहला मैच शानदार रहा था लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने आश्चर्यजनक रूप से अच्छा प्रदर्शन किया। दोनों टेस्ट में उन्होंने जीत हासिल की, वे मुश्किल परिस्थितियों में गेंद से बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम थे।”
कोहली ने सीरीज के दौरान लोकेश राहुल और मयंक अग्रवाल की बल्लेबाजी की तारीफ की। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि लोकेश राहुल ने एक सलामी बल्लेबाज के रूप में जिस तरह से बल्लेबाजी की वह बेहतरीन था, मयंक ने भी कई मौकों पर अच्छा किया। हमारी गेंदबाजी शानदार थी। इस टेस्ट में ऋषभ की पारी खास थी, सेंचुरियन जीत भी खास थी।”
दक्षिण अफ्रीका के कप्तान डीन एल्गर ने कहा कि इस जीत की खुमारी अगले कुछ दिनों तक रहेगी। उन्होंने पहला टेस्ट मैच गंवाने के बाद शानदार वापसी के लिए अपनी टीम की तारीफ की। उन्होंने कहा, “बहुत उत्साहित हूं, मुझे लगता है कि इसके खुमार में एक या दो दिन में डूबा रहूंगा। मुझे इस समूह पर काफी गर्व है। खिलाड़ियों ने शानदार वापसी की। पहले मैच में हारने के बाद भी हमें उम्मीद थी कि हम सीरीज जीत सकते हैं। जिस तरह से हमारी गेंदबाजी इकाई ने पूरी सीरीज में प्रदर्शन किया वह शानदार है। यह एक युवा, प्रतिभाशाली समूह है।”
दक्षिण अफ्रीका की इस जीत में कीगन पीटरसन की भूमिका अहम रह। उन्होंने 82 रन की पारी खेलने के साथ तीसरे दिन कप्तान डीन एल्गर (30) के साथ 78 रन की साझेदारी करके मजबूत नींव रखी थी और फिर चौथे दिन सुबह रॉसी वान डर डुसेन (नाबाद 41) के साथ 52 रन जोड़कर भारत की उम्मीदों पर पानी फेरा। प्लेयर ऑफ द मैच और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट कीगन पीटरसन ने कहा कि इन परिस्थितियों में विकेट पर समय बिताना जरूरी थी।
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उन्होंने कहा, “टेस्ट मैच खेलना आसान नहीं है। चुनौतीपूर्ण पिच, बदलती परिस्थितियों से निपटना पडा। हमें हमेशा उच्च गुणवत्ता वाले गेंदबाजी आक्रमण का सामना करना पड़ा। बल्लेबाजी के दौरान मैदान पर समय बिताना जरूरी था। आप जितनी देर तक बल्लेबाजी करते हैं, यह उतना ही आसान होता जाता है। मैंने इसके हर पल का आनंद लिया।”