गुणवत्तापूर्ण रोजगार अवसर बढ़ाने में सहभागी बनेंगे आईआईटी संस्थान
नई दिल्ली:
आईआईटी भुवनेश्वर और कौशल विकास संस्थान के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। दोनों संस्थानों के बीच किए गए इस समझौते का उद्देश्य बेरोजगार युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। आईआईटी और कौशल विकास केंद्र के बीच यह समझौता शुक्रवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में हुआ।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह समझौता बेरोजगार, अल्प-रोजगार और वंचित युवाओं के लिए कौशल विकास गतिविधियों को बढ़ाने के लिए है। तकनीकी शिक्षा के साथ आईआईटी की विशेषज्ञता और मार्गदर्शन के तहत युवाओं को उद्योग आधारित प्रशिक्षण मिल सकेगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राष्ट्र-प्रथम की भावना से युवा 21वीं सदी के आत्मनिर्भर भारत के पथ प्रदर्शक होंगे। उन्होंने यह बात शुक्रवार को आईआईटी भुवनेश्वर में पुष्पगिरी लेक्च र हॉल कॉम्प्लेक्स और ऋषिकुल्य हॉल ऑफ रेजिडेंस का उद्घाटन करते हुए कही।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने उच्च शिक्षा संस्थानों को हर संभव तरीके से समर्थन देकर हमारे युवाओं को अवसर प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने आगे कहा कि देश के शिक्षा परि²श्य को बदलने के लिए, सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अफोर्डेबिलिटी, एक्सेसिबिलिटी, इक्विटी और क्वालिटी की नींव पर आधारित किया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह केवल एक नीति नहीं है बल्कि हमारे भविष्य के लिए एक विजन दस्तावेज है। इसका उद्देश्य छात्रों को लचीलेपन और पसंद की शक्ति के साथ सशक्त बनाकर एक छात्र-केंद्रित शिक्षा प्रणाली स्थापित करना है। मंत्री ने जोर देकर कहा कि एनईपी हमारे उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्व स्तरीय संस्थानों में बदल देगा।
धर्मेन्द्र प्रधान ने ओडिशा राज्य में सबसे बड़े व्याख्यान परिसर और छात्रावास के उद्घाटन पर प्रसन्नता व्यक्त की और आशा व्यक्त की कि अतिरिक्त बुनियादी सुविधाएं छात्रों को अधिक उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने में सक्षम बनाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान और नवाचार पर ध्यान देने के साथ ही आईआईटी वास्तव में भारत की प्रगति और उच्च शिक्षा में सफलता के प्रतीक बन गए हैं।
उन्होंने यह भी व्यक्त किया कि आईआईटी भुवनेश्वर को ओडिशा राज्य में एक अग्रणी संस्थान होने के नाते राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन और समग्र और बहु-विषयक शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करने और इस तरह जरूरतमंद वर्गों की मदद करने का बीड़ा उठाना चाहिए।
प्रधान ने कहा कि आईआईटी और एसडीआई के बीच सहयोग से ओडिशा जैसे आपदा प्रवण राज्य में स्थानीय मुद्दों और पर्यावरण के मुद्दों को हल करने में मदद मिलेगी। इस तरह यह पूरे देश के लिए एक आदर्श के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने दोहराया कि आईआईटी भुवनेश्वर में ज्ञान और तकनीकी कौशल का समामेलन ओडिशा जैसे राज्य में नवीन परिणामों का मार्ग प्रशस्त करेगा। प्रधान ने कहा कि ओडिशा की वास्तविक क्षमता इसके लोगों में है और इसका वास्तविक विकास इसके युवाओं द्वारा संचालित होना चाहिए।
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