इस बारे में IIT, मद्रास ने बताया, “इस कोर्स में डिग्री लेने वाले स्टूडेंट्स के पास EV प्रोडक्ट डिवेलपमेंट में जॉब के लिए जरूरी स्किल्स होंगे। इनमें EV इंटीग्रेशन, व्हीकल एग्रीगेट इंजीनियरिंग, कम्युनिकेशन एंड कैलिब्रेशन, वेरिफिकेशन एंड वैलिडेशन और प्रोडक्ट एंड पोर्टफोलियो प्लानिंग शामिल हैं।”
इंस्टीट्यूट के इंजीनियरिंग डिजाइन डिपार्टमेंट के हेड, टी अशोकन कहा, “इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की इंजीनियरिंग से जुड़े स्किल्स को सिखाने के लिए लगभग आठ डिपार्टमेंट्स इस कोर्स में शामिल होंगे। इसके लिए कंटेंट तैयार करने में मार्केट की जरूरतों का ध्यान रखा गया है। इसमें व्हीकल की बेसिक जानकारी से लेकर बैटरी और मोटर जैसे मुख्य पार्ट्स से जुड़ी ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट इस कोर्स का एंकर होगा और अन्य डिपार्टमेंट्स की मदद से इसे कराया जाएगा। अगले कुछ वर्षों में हमें ई-मोबिलिटी सेगमेंट में विभिन्न स्ट्रक्चर्स के साथ इस तरह के और कोर्स शुरू करने की उम्मीद है।” IIT, मद्रास के स्टूडेंट्स IDDD कोर्स में अपग्रेड कर सकते हैं जिसमें उन्हें पांच वर्षों के बाद मुख्य विषय में बीटेक और इंटरडिसिप्लिनरी कोर्स में एमटेक की डिग्री मिलती है।
देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के साथ ही विभिन्न राज्य सरकारें भी योजनाएं बना रही हैं। महाराष्ट्र सरकार ने अब केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खरीदने या रेंट पर लेने का फैसला किया है। राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने बताया कि इसके लिए पहले 1 अप्रैल की तिथि तय की गई थी जिसे अब इस वर्ष की शुरुआत से कर दिया गया है। राज्य सरकार और शहरी निकायों के इस्तेमाल के लिए अब केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को खरीदा या रेंट पर लिया जाएगा। इससे पहले राजधानी दिल्ली में भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को प्रोत्साहन देने के लिए उपायों की घोषणा की गई थी। दिल्ली सरकार ने 10 साल से अधिक पुराने डीजल इंजन वाले व्हीकल्स को इलेक्ट्रिक व्हीकल में बदलने की अनुमति दी है। इससे इन डीजल इंजन वाले व्हीकल्स पर बैन के फैसले से बचा जा सकेगा।
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