क्या
खास
है
बुरांश
के
पौधे
में
वैज्ञानिकों
के
अनुसार,
बुरांश
का
पौधा
(रोडोडेंड्रन
अर्बोरियम)
कोरोना
वायरस
से
लड़ने
में
हमारी
मदद
कर
सकता
है।
इसके
फूलों
की
पंखुड़ियों
में
मौजूद
फाइटोकैमिकल
नामक
पदार्थ
कोरोना
को
मल्टीप्लाई
होने
से
रोकता
है।
इस
केमिकल
में
कुछ
ऐसे
एंटी
वायरल
गुण
होते
हैं,
जिसके
चलते
वायरस
इनके
सामने
टिक
नहीं
पाता।
कैसे
ये
पौधा
रोकेगा
कोरोना
के
संक्रमण
को
इंटरनेशनल
सेंटर
फॉर
जेनेटिक
इंजीनियरिंग
एंड
बायोटेक्नोलॉजी
के
डॉक्टर
रंजन
नंदा
कहते
हैं
कि
बुरांश
के
फाइटोकैमिकल
शरीर
में
दो
तरह
से
काम
करते
हैं।
सबसे
पहले
ये
कोरोना
में
मिलने
वाले
एक
ऐसे
एंजाइम
से
जुड़
जाते
हैं,
जो
वायरस
को
अपना
डुप्लीकेट
बनाने
में
मदद
करता
है।
इसके
अलावा,
ये
हमारे
शरीर
में
मिलने
वाले
ACE-2
एंजाइम
से
भी
जुड़
जाते
हैं।
ACE-2
एंजाइम
के
जरिए
ही
वायरस
हमारी
बॉडी
में
प्रवेश
करता
है।
वैज्ञानिकों
के
अनुसार,
फाइटोकैमिकल
की
इस
जुड़ने
की
प्रक्रिया
के
कारण
कोरोना
वायरस
हमारी
बॉडी
के
सेल्स
(कोशिकाओं)
को
इन्फेक्ट
नहीं
कर
पाता
और
जिस
वजह
से
संक्रमण
का
खतरा
कम
हो
जाता
है।
मंडी
IIT
के
प्रोफेसर
डॉ.
श्याम
कुमार
मसकपल्ली
कहते
हैं
कि
उन्हें
उम्मीद
है
बुरांश
के
पौधे
से
कोरोना
का
इलाज
संभव
हो
पाएगा।
उनकी
टीम
हिमालय
में
मिलने
वाले
और
भी
औषधीय
पौधों
में
कोरोना
का
इलाज
ढूंढने
के
लिए
रिसर्च
कर
रही
है।
बुरांश
के
अन्य
फायदे
एक
रिसर्च
के
अनुसार
बुरांश
में
पाया
जाने
वाला
एंटी
हिपेरग्लिसेमिक
नामक
गुण
रक्त
में
मौजूद
शुगर
की
मात्रा
नियंत्रित
करने
का
काम
करता
है।
बुरांश
के
फूलों
से
बनी
शरबत
को
हार्ट
पेशेंट
के
लिए
बेहद
फायदेमंद
माना
जाता
है।
इसकी
पंखुड़ियां
जुकाम,
मांसपेशियों
में
दर्द,
सिर
दर्द
और
बुखार
को
आराम
देने
के
काम
आती
हैं।
स्थानीय
लोग
इसका
उपयोग
स्क्वाश
और
जैम
बनाने
में
करते
हैं।
साथ
ही,
इसकी
चटनी
को
पहाड़ी
क्षेत्र
की
आबादी
वाले
लोग
खाना
पसंद
करते
हैं।
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