Saturday, March 19, 2022
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Holi 2022 LIVE Updates: होलिका दहन शुभ मुहूर्त, होलिका दहन पर ये उपाय बदल देंगे आपकी जिंदगी, धन-दौलत से भर जाएगा घर


10:11 AM, 17-Mar-2022

होलिका दहन मुहूर्त्त का शास्त्रीय निर्णय

आज भद्रा के विशेष कारण से होलिका दहन में मत अलग अलग देखने को मिल रहें। एक छोटा से प्रयास द्वारा निराकरण यहाँ किया जा रहा है। होलिका दहन फाल्गुन शुक्लपक्ष की भद्रारहित प्रदोषव्यापिनी पूर्णिमा को ग्राह्य है। धर्मशास्त्र के सूक्ष्म विचार से ज्ञात होता है कि इस वर्ष 17 मार्च 2022 में रात्री अतार्थ 18 मार्च प्रातः 01:09 के पश्चात् ही शुद्धतम होलिका दहन मान्य होगा।

दिनार्धात् परतो या स्यात् फाल्गुनी पूर्णिमा यदि।

रात्रौ भद्रावसाने तु होलिकां तत्र पूजयेत्॥ –भविष्योत्तर

अर्थात् यदि पहले दिन प्रदोष के समय भद्रा हो और दूसरे दिन सूर्यास्त से पहले पूर्णिमा समाप्त हो जाए तो भद्रा के समाप्त होने की प्रतीक्षा करके सूर्योदय होने से पहले रात्रि में होलिकादाह करना चाहिए। 

श्रीजयसिंह कल्पद्रुम में भविष्योत्तरपुराण के उपरोक्त प्रमाण से स्पष्ट लिखा है कि – “यदा तु प्रदोषे पूर्वदिने भद्रा भवति परदिने चास्तात्पूर्वमेव पंचदशी समाप्यते तदा सूर्योदयात्पूर्वं भद्रान्तं प्रतीक्ष्य होलिका दीपनीया।”

 प्राचीन परंपरा रही भी है, देर रात्री भद्रा उतरने पर 2, 3, 5 बजे होलिकादहन सभी ने देखा है, परन्तु आज मनुष्यों की सुविधा का विचार कर शास्त्र के स्पष्ट तथ्यों व परम्परा को त्यागा जा रहा है व प्रमाणाभास के आधार पर सायं भद्रा के समय ही होलिकादहन करने का मिथ्या निर्णय दिया जा रहा है।

होलिका दहन पर पवित्र अग्नि में कराएं विशेष वस्तु अर्पित, होंगी माँ लक्ष्मी प्रसन्न 

 

03:13 PM, 16-Mar-2022

Holi 2022 LIVE Updates: होलिका दहन शुभ मुहूर्त, होलिका दहन पर ये उपाय बदल देंगे आपकी जिंदगी, धन-दौलत से भर जाएगा घर

होलिका दहन 

फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर किया जाता है होलिका दहन। किसी भी पर्व को मनाने के लिए सूर्य उदय पर प्राप्त तिथि को ही मान्यता मिलती है। पर पूर्णमाशि तिथि पर चंद्र पूजन के कारण चंद्रउदय का महत्व है। होलिका दहन के लिए भद्रामुक्त पूर्णिमा तिथि का होना बहुत जरूरी है।भद्रा का वास पृथ्वी पर हो तो मांगलिक और धार्मिक कार्य अशुभ मान्य होते है। यही कारण है की पूर्णिमा तिथि पर होली के पूजन मे भी भद्रा का न होना ही शुभ रहता है।

ज्योतिषी गणना के आधार पर पूर्णिमा तिथि 17 मार्च 2022 को दोपहर 01:29 बजे से शुरू होकर 18 मार्च दोपहर 12:52 मिनट तक रहेगी. जबकि 17 मार्च को ही 01:20 बजे से भद्राकाल शुरू हो जाएगा और देर रात 12:57 बजे तक रहेगा. ऐसे में भद्राकाल होने के कारण शाम के समय होलिका दहन नहीं किया जा सकेगा.   ऐसे में 12:57 बजे भद्राकाल समाप्त होने के बाद होलिका दहन संभव हो सकेगा.

रात के समय होलिका दहन करने के लिए शुभ समय 12:58 बजे से लेकर रात 2:12 बजे तक है. इसके बाद ब्रह्म मुहूर्त की शुरुआत हो जाएगी.

होलिका दहन पर पवित्र अग्नि में कराएं विशेष वस्तु अर्पित, होंगी माँ लक्ष्मी प्रसन्न 

 





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