ऐसा मंदिर जहाँ हनुमान जी के साथ विराजते हैं भगवान श्री गणेश
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ऐसा मंदिर जहाँ हनुमान जी के साथ विराजते हैं भगवान श्री गणेश
भारत में यूं तो कई चमत्कारी और रहस्यात्मक मंदिर है। जिन से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित है। ऐसा ही एक मंदिर है भारत का दिल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले में, यह मंदिर शाजापुर जिले के बोलाई गांव में स्थित है। यह मंदिर राम भक्त हनुमान जी को समर्पित है। यह मंदिर सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर के नाम से भक्तों के बीच प्रसिद्ध है। आज हम आपको इसी मंदिर से जुड़ी कुछ चौंकाने वाली बातें बताएंगे।
भगवान श्री हनुमान मंदिर में क्या आपने कभी हनुमान जी के साथ भगवान श्रीगणेश को विराजित देखा है? यदि नहीं तो आपको इस मंदिर में जरूर जाना चाहिए। मान्यता है कि इस मंदिर में हनुमान जी और भगवान श्रीगणेश एक साथ विराजमान है। राम भक्त हनुमान की प्रतिमा की बाई बाजू पर श्री सिद्धी विनायक गणेश विराजते हैं। यह प्रतिमा अत्यंत पवित्र और शुभ फलदायी मानी जाती है क्योंकि इसमें एक ही प्रतिमा में दोनों भगवान विराजित हैं।
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इस मंदिर के बारे में सबसे अद्भुत बात यह है कि यहाँ पर आने वाले लोगों को भविष्य की घटनाओं की पहले से ही अनुभूति होने लगती है। यह बात वर्षों पहले रेलवे ट्रैक पर दो मालगाड़ियों के बीच हुए हादसे से और पुख्ता हो जाती है। यह मंदिर रतलाम भोपाल रेलवे ट्रैक के बीच बोलाई स्टेशन से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर है। कुछ वर्षों पहले इसी रेलवे ट्रैक से दो मालगाड़ियां जा रही थी जो आपस में टकरा गई थी। हादसे के बाद गाड़ियों के पायलट ने बताया था कि उन्हें घटना के कुछ देर पहले ही इस अनहोनी का पूर्वाभास हो गया था। उन्हें ऐसा लग रहा था कि मानो उनसे कोई कह रहा है कि ट्रैन की रफ्तार कम कर लो लेकिन उन्होंने रफ्तार कम नहीं की और बाद में टक्कर हो गई थी। कहते हैं इस हादसे के बाद से यदि कोई ड्राइवर ट्रेन की गति कम करने को नज़रअन्दाज़ भी करता है तो ट्रेन की स्पीड अपने आप ही कम हो जाती है।
इतना ही नहीं यहाँ पर जो भक्त मंदिर में दर्शन करने आते हैं भगवान श्री हनुमान के आशीर्वाद से उन्हें अपने भविष्य का पूर्वाभास हो जाता है। मान्यता है कि मंदिर में विराजमान हनुमान जी भक्तों को उनके अच्छे या बुरे सभी प्रकार के भविष्य के बारे में बता देते हैं। जिससे उनके भक्त सतर्क हो जाते है। कई लोगों ने तो यहाँ अपने भविष्य का एहसास होने का दावा भी किया है। जिसके चलते इस मंदिर की प्रसिद्धि लोगों के बीच और बढ़ गई है। भगवान श्री हनुमान और भगवान श्री गणेश का मंदिर होने के चलते यहाँ पर सप्ताह के 3 दिन शनिवार, मंगलवार और बुधवार को काफी भीड़ रहती है। यहाँ पर इन 3 दिन दूर दूर से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। मान्यता हैं कि यहाँ पर जो भी भक्त आते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
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इस मंदिर का निर्माण ठाकुर देवी सिंह ने करवाया था। कहते हैं कि वर्ष 1959 में संत कमलनयन त्यागी ने अपने ग्रहस्थ जीवन को त्यागकर विशिष्ट स्थान को अपनी तपोभूमि बनाया और यहाँ पर उन्होंने 40 वर्षो तक कड़ी तपस्या कर सिद्धियां प्राप्त की थी। इसलिए यह मंदिर बहुत ही सिद्ध मंदिर माना जाता है। वहीं कुछ लोग यह भी कहते हैं कि यह मंदिर 300 साल पुराना है तो कुछ लोग यह भी कहते हैं कि यह मंदिर 600 साल पुराना है। जिसके चलते यह स्पष्ट नहीं है कि यह मंदिर कितने साल पुराना है। परंतु यह मंदिर सिद्ध है और भक्तों के बीच काफी प्रसिद्ध है।
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