गुप्त नवरात्रि कि महानंदा नवमी
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महानंदा नवमी पूजा पाठ
महानंदा नवमी के दिन, भक्त जल्दी उठते हैं और सूर्योदय के समय अनुष्ठानिक स्नान करने की तैयारी करते हैं. गंगा, सरस्वती, कावेरी इत्यादि पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए हजारों भक्त इकट्ठा होते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस ‘पुण्य स्नान’ को करने से व्यक्ति अपने जन्मों के सभी पापों या कुकर्मों से मुक्त हो जाता है. हिंदू भक्त, विशेष रूप से इस दिन उपवास भी रखते हैं. महानंदा नवमी पर, देवी दुर्गा की पूजा पूरे समर्पण के साथ की जाती है. देवी को विभिन्न प्रकार के भोग अर्पित किए जाते हैं.
साधना का अंतिम पड़ाव
महानंदा नवमी का समय पर साधना की पूर्णता का समय है. गुप्त नवरात्रि की ये तिथि अत्यंत ही महत्वपूर्ण एवं विशेष होती है. इस दिन साधना का चक्र पूर्ण होता है. भक्त इस दिन पारंपरिक अनुष्ठानों द्वारा देवी को प्रसन्न करते हैं. इस दिन भक्त देवी दुर्गा के मंदिरों में जाते हैं, गुप्त नवमी पर विशेष पूजा और अनुष्ठान होते हैं. देवी का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भक्त मंत्रों का जाप करते हैं.
गुप्त नवमी शुभ मुहूर्त समय
नवमी तिथि 09 फरवरी, 2022 8:31 पूर्वाह्न से शुरू होती है
नवमी तिथि समाप्त फरवरी 10, 2022 11:08 पूर्वाह्न
गुप्त नवमी का त्योहार हिंदू भक्तों के लिए बहुत धार्मिक महत्व रखता है. इस दिन पूजा की मुख्य देवता देवी दुर्गा हैं. हिंदू किंवदंतियों के अनुसार, देवी दुर्गा शक्ति और ऊर्जा की प्रतीक हैं. हिंदू भक्त सभी बुराइयों से लड़ने के लिए शक्ति प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा करती हैं. ऐसा माना जाता है कि देवी दुर्गा की पूजा करने से सभी बुरी आत्माओं पर विजय प्राप्त होती है. उन्हें ‘दुर्गतिनाशिनी’ भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है जो सभी कष्टों को दूर करती हैं. इसलिए जो लोग देवी दुर्गा की भक्तिपूर्वक पूजा करते हैं, उन्हें अपने सभी दुखों और दुखों से मुक्ति मिल जाती है.
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