मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि बिल का संशोधित वर्जन कंपनियों की परिभाषा का विस्तार करेगा, ताकि पॉपुलर वीडियो ऐप जैसे- टिकटॉक को भी इसके दायरे में लाया जा सके। जानकारी के अनुसार, मैसेजिंग ऐप वीचैट (WeChat) की मालिक कंपनी टेनसेंट (Tencent) भी इस बिल के दायरे में आएगी।
इसके अलावा, अमेरिकी सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथल और मार्शा ब्लैकबर्न के नेतृत्व में एक दूसरा बिल भी आना है। ‘द ओपन ऐप मार्केट एक्ट’ नाम का यह बिल बड़े ऐप स्टोर जैसे ऐपल पर कंट्रोल करता है। बिल के पास होने पर ऐपल के पेमेंट सिस्टम को इस्तेमाल करने की बंदिश नहीं रहेगी। उन ऐप्स को खासतौर पर राहत मिलेगी, जो दूसरे ऐप स्टोर या पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि यह बिल गुरुवार को पहली बार शेड्यूल हो रहा है। इसका मतलब है कि इसे कम से कम एक हफ्ते के लिए टाला जा सकता है।
हालांकि इन बिलों को लेकर सबके अपने विचार हैं। US चैंबर ऑफ कॉमर्स के चीफ पॉलिसी ऑफिसर नील ब्रैडली ने क्लोबुचर और ग्रासली द्वारा लाए जा रहे बिल का विरोध किया है। कहा है कि जिन कंपनियों को टारगेट किया जा रहा है, उन्होंने महामारी महामारी में हमारी मदद की है। वहीं, एक दूसरे ग्रुप का कहना है कि वह ‘बिग टेक, कंस्यूमर्स और छोटे बिजनेसेज के बीच पावर की खाई को ठीक करने के लिए बिल का समर्थन करेगा।
वैसे अमेरिका की बड़ी टेक कंपनियां सरकार के साथ कई मोर्चों पर मिलकर काम कर रही हैं। हाल ही में सॉफ्टवेयर सिक्योरिटी पर चर्चा करने के लिए वाइट हाउस में देश की प्रमुख टेक कंपनियों के अधिकारियों से सरकार ने मुलाकात की। इनमें अल्फाबेट के मालिकाना हक वाली Google, ऐपल और एमेजॉन शामिल रहीं। पिछले साल Log4j नाम के ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर में मिले एक बग ने दुनियाभर की टेक कंपनियों के सिक्योरिटी इंतजामों पर सवाल उठा दिए थे। इसी के बाद यह मीटिंग आयोजित हुई।
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