एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, टेक स्टार्टअप PriceRunner ने कहा है कि वॉयलेशन अब भी जारी है, इसलिए मुकदमे का फाइनल डैमेज अमाउंट काफी ज्यादा होने की उम्मीद है।
PriceRunner के चीफ एग्जीक्यूटिव मिकेल लिंडाहल ने कहा कि यह केस ‘उन कंस्यूमर्स की भी लड़ाई थी, जो पिछले 14 साल से और आज भी Google द्वारा प्रतिस्पर्धा कानून के उल्लंघन से पीड़ित हैं।
कंपनी ने स्टॉकहोम में पेटेंट और मार्केट कोर्ट में मुकदमा दायर किया, जब यूरोपियन यूनियन जनरल कोर्ट ने फैसला सुनाया कि Google ने शॉपिंग सर्विसेज के सर्च रिजल्ट्स में हेरफेर करके यूरोपियन यूनियन के अविश्वास कानूनों का उल्लंघन किया है।
नवंबर में यूरोपियन यूनियन की कोर्ट ने 2017 में यूरोपियन कमीशन द्वारा Google पर लगाए गए 2.4 बिलियन यूरो (लगभग 20,490 करोड़ रुपये) के जुर्माने को बरकरार रखा था। इसमें कहा गया था कि Google की खुद की कंपैरिजिन सर्विस के रिजल्ट ‘अधिक आकर्षक तरीके से डिस्प्ले किए गए थे।’
PriceRunner ने कहा है कि उसने 2008 के बाद से ब्रिटेन में और 2013 के बाद से स्वीडन और डेनमार्क में गंवाए मुनाफे के लिए हर्जाने की मांग की है।
PriceRunner ने कहा कि यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र (EU प्लस आइसलैंड, लिकटेंस्टीन और नॉर्वे) में Google की ‘एकाधिकार जैसी स्थिति’ है। यह प्राइस कंपेरिजन साइट स्वीडन बेस्ड है, लेकिन डेनमार्क, नॉर्वे और UK में भी ऑपरेट होती है। यह और ज्यादा देशों में विस्तार करने की योजना बना रही है। स्वीडिश फिनटेक Klarna ने नवंबर में PriceRunner को खरीदा था। मीडिया रिपोर्टों में इस सौदे की कीमत 1 बिलियन डॉलर (लगभग 8,540 करोड़ रुपये) से ज्यादा बताई गई थी।