आर्ट के क्षेत्र में रोजा की शिक्षा बचपन से ही शुरू हो गई थी। उनके पिता एक चित्रकार थे। रोजा के लिए आर्ट में करियर तलाशना नई चीज थी, क्योंकि इस क्षेत्र में महिलाओं की मौजूदगी ना के बराबर थी। रोजा ने कई साल तक खुद को निखारा और अपनी आर्ट को कैनवास पर उकेरने से पहले स्केच में खुद को मजबूत बनाया।
एक पशु चित्रकार और मूर्तिकार के रूप में रोजा बोनहेउर का कद 1840 के दशक में बढ़ा। उनकी कला के कई नमूनों को 1841 से 1853 तक प्रतिष्ठित पेरिस सैलून में प्रदर्शित किया गया। स्कॉलर्स का मानना है कि 1849 में एक प्रदर्शनी में शामिल की गई उनकी चित्रकारी ने रोजा को एक पेशेवर आर्टिस्ट के रूप में स्थापित किया। 1853 में रोजा ने अपनी पेंटिंग ‘द हॉर्स फेयर’ से दुनियाभर में पहचान बनाई। इस पेंटिंग में पेरिस के घोड़ों के मार्केट को दर्शाया गया था। यह पेंटिंग आज भी न्यू यॉर्क के मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट में प्रदर्शित है।
इस मशहूर पेंटिंग का सम्मान करने के लिए फ्रांसीसी महारानी यूजनी ने साल 1865 में रोजा बोनहेर को देश के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक ‘लीजन ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया। उनकी एक पेंटिंग ‘मोनार्क्स ऑफ द फॉरेस्ट’ को साल 2008 में हुई एक नीलामी में 2,00,000 डॉलर से अधिक में बेचा गया था।
हाल ही में गूगल ने ICC महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप (ICC Women’s Cricket World Cup 2022) को सेलिब्रेट करते हुए भी डूडल बनाया था। महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप का यह 12वां एडिशन है। अपने डूडल में गूगल ने 6 महिला क्रिकेटरों को दर्शकों की मौजूदगी में खेलते हुए दिखाया था। Google ने इसलिए भी डूडल के जरिए ICC महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 2022 टूर्नामेंट को याद किया, क्योंकि कोविड-19 महामारी की वजह से इसमें देरी हुई है। इसे 2021 में खेला जाना था, लेकिन कोविड की वजह से लगे यात्रा प्रतिबंधों की वजह से टूर्नामेंट साल 2022 में शुरू हो पाया है।
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