Ganesha Puja : पंचांग के अनुसार 2 फरवरी 2022, बुधवार को माघ मास की शुक्ल पक्ष को प्रतिपदा तिथि है. चंद्रमा कुंभ राशि में गोचर कर रहा है. जहां पर देव गुरु बृहस्पति पहले से ही विराजमान हैं. गुरु और चंद्र की युति से गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है. ज्योतिष शास्त्र में इस योग को अत्यंत शुभ माना गया है. इस दिन गणेश जी की पूजा का विशेष संयोग बना हुआ है.
हिंदू धर्म में सभी देवी- देवताओं में भगवान गणेश जी की पूजा सबसे पहले होती है. बुधवार का दिन विशेष रूप से भगवान गणेश जी को समर्पित होता है. इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं. बुधवार के दिन इन मंत्रों से गणेश जी को प्रसन्न करें-
- ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात.
- ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश.
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश.. - ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा.
- दुर्वा अर्पित करते हुए मंत्र बोलें ‘इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः
- एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्.
गणेश आरती (Ganesh Ji Ki Aarti)
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा.
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा.
एकदन्त दयावन्त, चार भुजाधारी.
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी.
पान चढ़े फूल चढ़े, और चढ़े मेवा.
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा.
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा.
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा.
अँधे को आँख देत, कोढ़िन को काया.
बाँझन को पुत्र देत,निर्धन को माया.
सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा.
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा.
दीनन की लाज राखो, शम्भु सुतवारी.
कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी.
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा.
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा.
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