डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी सुकमावती सुकर्णोपुत्री ने इस्लाम को छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है। सुकर्णो सेंटर बाली में आयोजित सुधी वडानी समारोह में सुकमावती ने हिंदू धर्म स्वीकार किया। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए कई वीडियो में वह धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करती हुई नजर आ रही हैं। आयोजन के बाद उन्होंने एक प्रेस कान्फ्रेंस भी की। सोशल मीडिया यूजर इसे दक्षिण पूर्व एशिया में सनातम धर्म का प्रसार बता रहे हैं।
Absolutely. I feel more close to a Balinese or a Nepali Hindu who is practising his faith prudently than a secular Indian who is Hindu just by virtue of being born into a Hindu family. https://t.co/8n1spjn0WF
— constant_gardner (@manasdoon) October 26, 2021
इस्लाम इंडोनेशिया का सबसे बड़ा धर्म
इंडोनेशिया के कट्टरपंथी मुस्लिम समूहों ने सुकमावती के विरोध में एक ईशनिंदा का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद सुकमावती ने माफी मांगी थी। इंडोनेशिया में इस्लाम सबसे बड़ा धर्म है। दक्षिणपूर्वी एशियाई देश में दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी रहती है। इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर बड़ी संख्या में हिंदू भी रहते हैं। यहां कई हिंदू मंदिर बने हैं और रामायण का मंचन भी होता है । वीडियो में पुजारी को मंत्र पढ़ते और सुकमावती के ऊपर पवित्र जल छिड़कते हुए देखा जा सकता है। उनकी परंपरागत तरीके से आरती भी उतारी गई और अन्य मान्यताओं का पालन भी करवाया गया। सुकमावती हिंदू धर्म की सभी सिद्धांतों और परंपराओं से पूरी तरह से वाकिफ हैं। बाली में हिंदू धर्म से जुड़े कई मंदिर हैं और दुनियाभर से लोग इसे देखने आते हैं।
Perhaps what we ought to learn from Indonesians is the way they are embracing people within Sanatan fold without worrying abt castes. First @IskconInc and now @aryawedakarna_ is showing us Indians the way- question is are we ready to learn?? pic.twitter.com/QFK1kwNLeI
— Alok Bhatt (@alok_bhatt) October 26, 2021
इस्लाम के अपमान का आरोप का बदला
सुकमावती की उम्र अभी 70 साल हैं और सुकर्णो की तीसरी बेटी हैं। उनसे छोटी पूर्व राष्ट्रपति मेगावती सुकर्णोपुत्री हैं। वह इंडोनेशिया नैशनल पार्टी की संस्थापक भी हैं। उन्होंने कांजेंग गुस्ती पानगेरान अदिपति आर्या से शादी की थी लेकिन वर्ष 1984 में उनका तलाक हो गया था। वर्ष 2018 में सुकमावती पर एक ऐसी कविता कहने का आरोप लगा था जिससे इस्लाम का अपमान हुआ।