First Aid Box: आजकल की तेज रफ्तार भरी ज़िंदगी में हादसे आम हो गये हैं. ऐसे पर अक्सर घटनास्थल के आसपास के लोग ही रोड एक्सीडेंट (Accident) के घायल को अस्पताल तक पहुंचाने का काम करते हैं. इस नाजुक मौके पर उपचार संबंधी जो दूसरा सहारा घायल को तुरंत मिलता है, वह गाड़ी में मौजूद फर्स्ट एड बॉक्स की वजह से ही मुमकिन होता है. इतना ही नहीं घर में काम करते समय छोटे-मोटे हादसे होना भी बेहद आम हैं. इसलिये जरूरी हो जाता है कि आप समय-समय पर अपने फर्स्ट एड बॉक्स (First aid box) की जांच (Check) कर लिया करें कि उसमें आवश्यक चीजें उपलब्ध हैं या नहीं. क्योंकि जरूरत पड़ने पर इससे किसी की जान भी बचाई जा सकती है.
ऐसे में यह जानकारी जरूरी हो जाती है कि हमारे फर्स्ट एड बॉक्स में कौन-कौन सी चीजें होनी अति आवश्यक हैं. जिससे मौका पड़ने पर किसी दुर्घटना पीड़ित व्यक्ति को समुचित सहायता उपलब्ध कराई जा सके. ये फर्स्ट एड बॉक्स घर में भी जरूरत के समय काम आ सकता है. इसलिए आज हम आपको बताते हैं कि ऐसी कौन-कौन सी चीजें हैं जिन्हें फर्स्ट एड बॉक्स में मौजूद होना चाहिए.
एडवांस्ड फर्स्ट एड किट कार वालों के लिये
आपको समय-समय पर यह चेक करते रहना चाहिये कि क्या आपकी फर्स्ट एड किट में सभी जरूरी चीजें मौजूद हैं. जैसे- खून रहना रोकने के लिये आयोडीन सॉल्यूशन, त्वचा संबंधी दिक्कतें व जलन आदि के लिये एंटी-फंगल और बर्न क्रीम, इसमें आप एलोवेरा जेल भी शामिल कर सकते हैं. विभिन्न शेप वाले गॉज-पैड्स यानी जालीदार कपड़े की पट्टी, इसके अलावा एमरजेंसी में इस्तेमाल के लिये डॉक्टर की सलाह से कुछ दर्दनिवारक यानी पेनकिलर्स गोलियां भी अपने फर्स्ट एड किट में जरूर रखें, साथ ही डिसपोज़ेबल मास्क और ग्लव्स व थर्मामीटर और हाथ धोने के लिए साबुन या सैनिटाइज़र जैसे आवश्यक उपकरणों को भी फर्स्ट-एड किट में जरूर शामिल करें.
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स्पाइनल बोर्ड भी रखें
स्पाइनल बोर्ड के जैसा कि नाम से ही ज़ाहिर होता है कि रीढ़ में चोट आने पर यह उसे सहारा देने के लिये काम आता है. यह लकड़ी का एक बोर्ड जैसा होता है जो रीढ़ पर चोट आने पर पीड़ित को सहारा देकर अस्पताल से जाने में उपयोगी है. ऐसा देखा गया है कि सड़क हादसे के दस से पंद्रह फीसदी मामलों में रीढ़ या फिर गर्दन पर चोट पहुंचती है.
एक्सपाइरी डेट का रखें ख्याल
आपको समय-समय पर अपने फर्स्ट एड बॉक्स में शामिल चीजों की एक्सपाइरी की तारीख भी चेक करते रहना चाहिये. देखते रहें कि उसमें शामिल कॉटन या पट्टी या फिर किसी क्रीम अथवा खाने वाली गोलियों यानी पेनकिलर्स आदि की एक्सपाइरी डेट बीत तो नहीं गई है. इन्हें समय पर बदलते रहें. क्योंकि ऐसी लापरवाही से कभी एमरजेंसी के समय समस्या सुलझने की बजाय बढ़कर और भी गंभीर हो सकती है. बेहतर है कि जहां तक संभव हो प्लास्टिक्स के डिसपोज़ेबल उपकरणों का इस्तेमाल करें और उन्हें पूरी साफ-सफाई के साथ रखें.
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फर्स्ट-एड बॉक्स का प्रयोग करते हुये इन बातों का ख्याल रखें
ध्यान रखें कि आपका फर्स्ट-एड बॉक्स हमेशा साफ-सुथरा और वाटरप्रूफ होना चाहिये. साथ ही यह भी तस्दीक कर लें कि उसमें खून बहना रोकने अथवा घाव साफ करने के लिये साफ रुई या कोई कपड़ा मौज़ूद है या नहीं. इसके अलावा चोट वगैरह पर लगाने की कोई अच्छी एंटीबैक्टीरियल या एंटीसेप्टिक क्रीम भी उसमें हमेशा पड़ी होनी चाहिये. फिर पट्टी या एड्हेसिव बैंडेज और स्टिकिंग प्लास्टर भी आपके फर्स्ट-एड किट में एमरजेंसी में इस्तेमाल करने के लिये होने ही चाहिये. ख्याल रखें कि आपका वाहन रिक्शा या ऑटो अथवा कार और मोटरसाइकिल कुछ भी हो सकता है पर ये फर्स्ट-एड किट सभी तरह की गाड़ियों में होनी चाहिये. क्योंकि सड़क पर दुर्घटना किसी के साथ कभी भी संभव है.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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