डिजिटल डेस्क, काबुल। अफगानिस्तान पर तालिबान के द्वारा कब्जा जमानें के बाद अब पाकिस्तान के साथ गोलीबारी की खबरें सामने आ रही हैं। बता दें कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण को सही बताया था और समर्थन भी किया था, लेकिन पाकिस्तान की ये मदद महंगी पड़ गई और डूरंड लाइन पर पाकिस्तान सेना और अफगान तालिबान के बीच गोलीबारी चल रही है। गौरतलब है कि ताजा घटनाएं बीते शुक्रवार को बाजौर इलाके के गांवों गंजगाल, कुनौर और सरकानो में हुई हैं।
दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए
आपको बता दें कि कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते शुक्रवार को दोपहर दोनों ओर से करीब आधे घंटे तक फायरिंग होती रही। कथित तौर पर गोलीबारी उस समय शुरू हुई, जब तालिबान के एक स्नाइपर ने सीमा पर तारबंदी में जुटे दो पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया। इसके बाद पाकिस्तानी सैनिकों ने यहां बस्तियों पर फायरिंगकी। सीमा पर यह झड़प ऐसे समय पर हुई है जब तालिबान और पाकिस्तान ने दावा किया है कि तारबंदी को लेकर उन्होंने हलिया झगड़े को सुलझा लिया है।
सीमा विवाद के कारण पहले भी हो चुके हैं संघर्ष
आपको बता दें कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तारबंदी एक झगड़े की वजह रही है, जिसकी वजह से सीमा की स्थिति पर मतभेद इतने गहरे हैं कि अतीत में दोनों देशों के सैनिकों के बीच घातक संघर्ष हुए हैं। बता दें कि अफगानिस्तान यह कहकर इसका विरोध करता है कि सीमा सीमांकन औपनिवेशिक काल में हुआ था। अफगान पश्तून अपने देश की सीमाओं को डूरंड रेखा के आधार पर परिभाषित करते हैं। लेकिन पाकिस्तान इसी का विरोध करता आ रहा है।
डूरंड रेखा क्या है?
दरअसल, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 2430 किलोमीटर लंबी अतर्राष्ट्रीय सीमा का नाम डूरंड रेखा है। यह रेखा साल1896 में एक समझौते के तहत स्वीकार किया गया था। बता दें कि अफगानिस्तान चारों तरफ से जमीन से घिरा हुआ है और इसकी सबसे बड़ी सीमा पूर्व की ओर पाकिस्तान से लगी है, इसे डूरंड रेखा कहते हैं। गौरतलब है कि डूरंड रेखा का नाम सर मार्टिमेर डूरंड के नाम पर रखा गया है जिन्होने अफगानिस्तान के अमीर अब्दुर रहमान खाँ को इसे सीमा रेखा मानने पर राजी किया था।