कोर्ट फेसबुक और वॉट्सऐप की अपील पर सुनवाई कर रहा था। इसमें सिंगल-जज के ऑर्डर को चुनौती दी गई थी। CCI द्वारा वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी की जांच के आदेश के खिलाफ दी गई याचिका को सिंगल जज खारिज कर चुके हैं।
CCI की ओर से 4 और 8 जून को फेसबुक और वॉट्सऐप को जारी नोटिस का जवाब दाखिल करने की समयसीमा को दिल्ली हाई कोर्ट ने 30 मार्च तक बढ़ा दिया है। कोर्ट ने पहले नोटिस का जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया था और उसके बाद समय को बढ़ा दिया था।
वॉट्सऐप की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दलील दी कि डेटा संरक्षण विधेयक संसद में पेश किया गया था और अदालत ने पहले 11 अक्टूबर 2021 तक नोटिस का जवाब दाखिल करने का समय दिया था, लेकिन उसके बाद इसे बढ़ाया नहीं जा सका, क्योंकि मामले की सुनवाई नहीं हो सकी।
CCI की ओर से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने तर्क दिया कि डेटा संरक्षण विधेयक इस विवाद के लिए ‘अप्रासंगिक’ है। यह मामला ‘प्राइवेसी’ से संबंधित नहीं है। यह पोजिशन के दुरुपयोग और कुछ मामलों में जांच से संबंधित है। इस बीच, फेसबुक इंडिया के वकील ने एक ऐप्लिकेशन दायर करके मामले में पक्षकार के रूप में अपना पक्ष रखने की मांग की है। हालांकि अदालत ने उन्हें नई याचिका दायर करने के लिए कहा।
यह मामला फेसबुक और वॉट्सऐप की उस अपील से जुड़ा है, जिसमें सिंगल-जज के ऑर्डर को चुनौती दी गई थी। CCI द्वारा वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी की जांच के आदेश के खिलाफ दी गई याचिका को सिंगल जज खारिज कर चुके हैं। कोर्ट ने सिंगल जज के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
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