इस साल की शुरुआत में लागू हुए IT नियमों के तहत, 50 लाख से ज्यादा यूजर वाले बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को हर महीने कम्प्लायंस रिपोर्ट पब्लिश करनी होती है। प्लेटफॉर्म्स को मिली शिकायत पर लिए गए एक्शन की जानकारी इसमें दी जाती है। साथ ही इस रिपोर्ट में ऑटोमेटिक टूल्स का इस्तेमाल करके हटाए गए या डिसेबल्ड किए गए कंटेंट की डिटेल्स भी होती है।
अक्टूबर में फेसबुक ने 13 कैटिगरीज में 1 करोड़ 88 लाख से ज्यादा सामग्रियों पर ‘कार्रवाई’ की थी। उसी अवधि के दौरान इंस्टाग्राम ने 12 कैटिगरीज में 30 लाख से ज्यादा सामग्रियों के खिलाफ कार्रवाई की थी।
ताजा रिपोर्ट में मेटा ने बताया है कि 1 नवंबर से 30 नवंबर के बीच फेसबुक को उसके भारतीय शिकायत तंत्र के जरिए 519 यूजर रिपोर्ट मिलीं। इनमें से 461 मामलों को यूजर्स को टूल्स देकर सॉल्व किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर में फेसबुक ने जिन 1 करोड़ 62 लाख से ज्यादा सामग्रियों पर कार्रवाई की, उनमें से 1 करोड़ 10 लाख सामग्रियां स्पैम से जुड़ी थीं। 20 लाख सामग्री हिंसा की थीं। 15 लाख सामग्री अडल्ट न्यूडिटी और सेक्सुअल एक्टिविटी की थीं। इसके अलावा एक लाख से ज्यादा हेड स्पीच पर भी एक्शन लिया गया। कई और कैटिगरीज में भी कार्रवाई की गई। इनमें बुलिंग और उत्पीड़न की 102,700 सामग्री, स्यूसाइड और खुद को चोट पहुंचाने वाली 370,500 सामग्री शामिल हैं। बच्चों से जुड़े खतरों पर भी कार्रवाई की गई।
वहीं, इंस्टाग्राम पर जिन 12 कैटिगरीज में 32 लाख से ज्यादा सामग्रियों पर कार्रवाई की गई, उनमें सबसे ज्यादा मामले आत्महत्या और खुद को चोट पहुंचाने से जुड़े थे। ऐसी 815,800 सामग्री पर एक्शन हुआ। हिंसक और ग्राफिक कंटेंट से जुड़े 333,400 मामलों को हटाया गया।