इन प्लेटफॉर्म का इस्तेमैल 2030 तक 35 EV लॉन्च करने के लिए किया जाएगा। निसान के CEO, Makoto Uchida ने कहा कि तीनों कंपनियों के बीच मजबूत पार्टनरशिप है। इससे एक दूसरे के एक्सपीरिएंस और एक्पर्टाइज का फायदा मिलता है। इन तीनों ऑटोमोबाइल कंपनियों को कारें बनाने वाली बड़ी कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है। इन कंपनियों में Toyota Motor भी शामिल है जिसने अपने पोर्टपोलियो को इलेक्ट्रिक में तब्दील करने के लिए 70 अरब डॉलर (लगभग 5,25,900 करोड़ रुपये) का इनवेस्टमेंट करने की योजना बनाई है। अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार मेकर टेस्ला इन सभी कंपनियों के लिए सबसे बड़ी राइवल है। टेस्ला को इस वर्ष इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिलीवरी 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ने का अनुमान है।
Renault, Nissan और Mitsubishi Motors के बीच क्रॉस-शेयरहोल्डिंग पार्टनरशिप है। इसमें Renault के पास Nissan में 43.4 प्रतिशत हिस्सेदारी है और Nissan के पास Renault में 15 प्रतिशत नॉन-वोटिंग हिस्सेदारी और Mitsubishi Motors में एक-तिहाई हिस्सेदारी है।
Tesla ने पिछले वर्ष की अंतिम तिमाही में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की रिकॉर्ड संख्या में डिलीवरी की है। कंपनी ने पिछले वर्ष दुनिया भर में कस्टमर्स को 9,36,172 इलेक्ट्रिक कारों और क्रॉसओवर्स की डिलीवरी की, जो अभी तक की इसकी सबसे अधिक कुल सेल्स वॉल्यूम है। Tesla के अमेरिका में फ्रेमॉन्ट और कैलिफोर्निया और चीन के शंघाई के प्लांट्स में पिछले वर्ष की अंतिम तिमाही में 3,05,840 यूनिट्स और पूरे वर्ष में 9,30,422 यूनिट्स का प्रोडक्शन हुआ। हालांकि, कंपनी पिछले वर्ष 10 लाख व्हीकल्स की डिलीवरी करने से चूक गई लेकिन Tesla के CEO, Elon Musk का मानना है कि कंपनी इस दशक के अंत तक दो करोड़ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की वार्षिक बिक्री तक पहुंच सकती है। यह एक बड़ा आंकड़ा होगा क्योंकि टोयोटा और फोक्सवैगन सहित दुनिया की अन्य ऑटोमोबाइल कंपनियों की बिक्री लगभग एक करोड़ यूनिट्स की है।
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