रिपोर्ट में कहा गया है कि फाउंडेशन के पास Ether में लगभग 1.3 अरब डॉलर, नॉन-क्रिप्टो इनवेस्टमेंट्स में 30 करोड़ डॉलर और कई क्रिप्टोकरेंसीज में 1.1 करोड़ डॉलर हैं। फाउंडेशन की ETH होल्डिंग Ether की कुल सप्लाई का लगभग 0.3 प्रतिशत है। फाउंडेशन ने बताया है कि उसने अपने नॉन-क्रिप्टो होल्डिंग्स को बढ़ाने के लिए Ether को क्यों बेचा। Ether के प्राइस में बहुत अधिक तेजी के दौरान इसकी बिक्री करने का कारण फाउंडेशन के बजट के लिए सिक्योरिटी मार्जिन को बढ़ाना था। रिपोर्ट में कहा गया है कि फाउंडेशन का कुल खर्च 4.8 करोड़ डॉलर का था।
इस ब्लॉकचेन के सॉफ्टवेयर अपग्रेड पर काम कर रहे डिवेलपर्स को हाल ही में इसकी टेस्टिंग में एक बड़ी सफलता मिली है। Ethereum के डिवेलपर Marius Van Der Wijden ने बताया कि इससे यह अधिक एनर्जी एफिशिएंट बनेगा। इस अपग्रेड को ‘Merge’ कहा जा रहा है। इससे Ethereum नेटवर्क पर ट्रांजैक्शंस के लिए ऑर्डर का तरीका बदल जाएगा और इससे ट्रांजैक्शंस बढ़ने का भी अनुमान है।
इससे Ethereum की इलेक्ट्रिसिटी की खपत 99 प्रतिशत तक घटने की उम्मीद है। Ethereum माइनर्स को ब्लॉकचेन पर ट्रांजैक्शंस का ऑर्डर देने के लिए बड़े सर्वर फार्म्स का इस्तेमाल करना पड़ता है जिससे इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत होती है और कार्बन एमिशन बढ़ता है। एक अनुमान में बताया गया था कि Ethereum की एक ट्रांजैक्शन की इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल 1,40,893 वीजा क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शंस के बराबर है। यह अपग्रेड होने के बाद Ethereum की ट्रांजैक्शन के लिए ऑर्डर stakers से दिया जाएगा। इस सिस्टम को प्रूफ ऑफ स्टेक कहा जाता है। क्रिप्टो एक्टिविटीज के कारण कुछ देशों में इलेक्ट्रिसिटी की कमी हुई थी। इस समस्या से निपटने के लिए चीन ने पिछले वर्ष क्रिप्टो माइनिंग पर रोक लगा दी थी। कुछ अन्य देशों में भी क्रिप्टो माइनिंग पर सख्ती हुई है।
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