The Block के डेटा के अनुसार, फरवरी की तुलना में मार्च में Ethereum माइनर्स का रेवेन्यू लगभग 7.2 प्रतिशत बढ़ा है। यह एक अच्छा संकेत है क्योंकि नवंबर के बाद से इनके रेवेन्यू में गिरावट आ रही थी। इस दूसरे सबसे बड़े ब्लॉकचेन नेटवर्क पर ऑपरेट करने वाले माइनर्स ने नवंबर में 2 अरब डॉलर से अधिक का रेवेन्यू हासिल किया था। रेवेन्यू में बढ़ोतरी EIP-1559 के नतीजे में दिख रही है, जो पिछले वर्ष लंदन अपग्रेड के साथ लागू हुआ था। EIP-1559 से ट्रांजैक्शन फीस बंट जाती है। बेस फीस समाप्त कर दी गई है और माइनर्स को केवल टिप्स प्राप्त करने की अनुमति है।
Ethereum ने प्रूफ-ऑफ-वर्क से दूरी बनाने का प्रोसेस भी शुरू किया है। यह जल्द ही नए प्रूफ-ऑफ-वर्क प्रोसेस पर शिफ्ट हो जाएगा। हालांकि, इस अपग्रेड से डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi), नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) और अन्यों के लिए Ethereum चेन पर ट्रांजैक्शन फीस कम नहीं होगी क्योंकि यह केवल नेटवर्क को सुरक्षित बनाने वाले मैकेनिज्म से जुड़ा है।
लोकप्रिय क्रिप्टो टोकन्स में से एक Dogecoin अपने सिस्टम में एक बड़ा बदलाव कर रहा है और इसमें Ethereum के को-फाउंडर विटालिक ब्यूटिरिन मदद करेंगे। Dogecoin उन लेटेस्ट क्रिप्टोकरेंसी में शामिल है जो अधिक कुशल प्रूफ ऑफ स्टेक (PoS) मैकेनिज्म पर शिफ्ट करने की योजना बना रही हैं। यह क्रिप्टोकरेंसी होल्डर्स को कॉइन को दांव पर लगाने और अपने खुद के वैलिडेटर नोड्स बनाने की अनुमति देता है। स्टेकिंग तब होती है, जब कोई यूजर ट्रांजैक्शन को वैरिफाई करने के लिए अपने कॉइन को दांव पर लगाने का फैसला लेता है। जब यूजर उन्हें दांव पर लगाता है तो कॉइन को लॉक कर दिया जाता है,लेकिन अगर यूजर उन्हें ट्रेड करना चाहता है तो इन कॉइन को अन-स्टेक किया जा सकता है। जब ट्रांजैक्शन का एक ब्लॉक प्रोसेस होने के लिए तैयार होता है, तो क्रिप्टोकरंसी का प्रूफ ऑफ स्टेक प्रोटोकॉल ब्लॉक को रिव्यू करने के लिए एक वैलिडेटर नोड को चुनता है। वैलिटेडर जांचता है कि ब्लॉक में हुई ट्रांजैक्शन सही है नहीं। इसके बाद ब्लॉक को ब्लॉकचैन में जोड़ा जाता है।
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