ऐपल के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि एरिक्सन ने पेटेंट लाइसेंसिंग एग्रीमेंट को रिन्यू करने के लिए उचित शर्तों पर बातचीत करने से इनकार कर दिया है। इसके बजाए वह ज्यादा रॉयल्टी के लिए दुनिया भर में ऐपल पर मुकदमा कर रही है। हम अदालत से सही कीमत तय करने में मदद करने के लिए कह रहे हैं। .
टेक कंपनियों के बीच पेटेंट मुकदमे आम हैं। एरिक्सन जैसी कंपनियां हरेक 5G हैंडसेट के लिए 2.50 डॉलर (लगभग 190 रुपये) से 5 डॉलर (लगभग 370 रुपये) तक चार्ज करती हैं।
वहीं, एरिक्सन का कहना है कि पिछला एग्रीमेंट खत्म हो गया है। हम नए लाइसेंस की शर्तों में समझौता नहीं कर पाए हैं, इसलिए ऐपल बिना लाइसेंस के हमारी तकनीक का उपयोग कर रही है।
याद रहे कि एरिक्सन अपने रिसर्च में हर साल लगभग 5 बिलियन डॉलर (लगभग 37,310 करोड़ रुपये) का निवेश करती है। कंपनी के पास 57 हजार से ज्यादा पेटेंट और रॉयल्टी का पोर्टफोलियो है। इससे कंपनी को एक तिहाई कमाई होती है। पिछले साल भी कई महीनों की अदालती लड़ाई के बाद एरिक्सन ने सैमसंग के साथ पेटेंट मुकदमों का निपटारा किया। इससे उसकी कमाई पर असर पड़ा।
बीते कुछ महीनों में ऐपल कई मुकदमों का सामना कर रही है। पिछले साल दिसंबर में अमेरिका में हुए एक और मुकदमे में दावा किया गया है कि अब तक बनाए गई हरेक Apple वॉच के मॉडल में “अनसेफ डिफेक्ट” है। यह दावा विशेषरूप से इस तथ्य के साथ किया गया है कि फूलने वाली बैटरी को समायोजित करने के लिए ऐपल वॉच में इंटरनल स्पेस नहीं है। इस मामले में ऐपल वॉच पर सवाल उठाए गए हैं, जिन पर ऐपल को जवाब देना है।
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