Tuesday, December 14, 2021
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Diamond: हीरा ले रहे हैं तो ध्यान दें, कहीं सारे धन का नाश न कर दे


Astrology

lekhaka-Gajendra sharma

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नई दिल्ली, 14 दिसंबर। नवरत्नों में हीरा सबसे बहुमूल्य और तीव्र प्रभाव दिखाने वाला रत्न कहा गया है। हीरा हर किसी के लिए नहीं होता, लेकिन आजकल ज्वेलरी में यह इतना अधिक चलन में आ गया है कि हर कोई इसे पहनने लगा है। यदि आप ज्योतिषीय उपायों के लिए हीरा पहन रहे हैं तो उसे खरीदने से पहले कुछ बातें अवश्य जान लेना चाहिए वरना यह मुसीबतें बढ़ा भी सकता है। हीरे का दोषरहित होना अत्यंत आवश्यक है।

अग्निपुराण में हीरे के आठ गुण और नौ दोष बताए गए है। जिसके अनुसार आठ गुण इस प्रकार हैं- जिस हीरे के फलक समान हों, कोण उच्च हों, धार तीक्ष्ण हों, पानी में तैरता हो, निर्मल हो, उज्ज्वल हो, दोष रहित हो, तौल में लघु हो, वह आठ गुणों से युक्त हीरा होता है।

हीरे के नौ दोष : कौवे के पैर जैसा चिह्न, बिंदु, रेखा, मलिनता, टूटा-फूटा, वृत्ताकार होना, जौ के आकार का होना, कोणों का छोटा या बड़ा होना ये नौ प्रकार के दोष होते हैं।

काक दोष : कौवे के पैर जैसे चिह्न को काक पद कहते हैं। यह चार प्रकार का होता है षटकोण काकपद, छोटे आकार का नुकीला काक पद, बड़े कोमल समान आकृति का तथा उज्ज्वल। ये तीनों काकपद वाला हीरा मृत्यु देने वाला कहा गया है। इसके अलावा चौथे प्रकार का टूटा-फूटा काकपद भी अशुभ होता है।

यहां पढ़ें: वार्षिक राशिफल 2022

बिंदु दोष : हीरे के अंदर छींटे जैसे बिंदु होत हैं। बिंदु को ही आवर्तक, वर्तक, भालबिंदु तथा यवाकृति कहा जाता है। इनमें आवर्तक बिंदु वाला हीरा बल और आयु को कम करता है। बड़े वृत्ताकर बिंदु वाला हीरा धन का नाशक होता है। भालबिंदु वाला हीरा अपने स्थान को छुड़वा देता है तथा यव आकार का बिंदु क्षय रोग देता है।

इसी प्रकार रेखा दोष, मल दोष सहित अन्य दोष वाला हीरा अनेक प्रकार के कष्ट देता है। इसलिए शास्त्रीय परंपरा में हीरे के जो गुण बताए गए हैं उन्हीं का अनुसरण करते हुए हीरा धारण करना चाहिए

English summary

This things you must know before buying a Diamond, here is details.



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