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lekhaka-Gajendra sharma
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन आयु-आरोग्य और सुख समृद्धि में वृद्धि के लिए आयुर्वेद के देवता भगवान धनवंतरि और लक्ष्मी-कुबेर का पूजन किया जाता है। धनतेरस 2 नवंबर 2021 मंगलवार को आ रही है। मंगलवार के दिन त्रयोदशी आने के कारण यह दिन विशेष बन गया है क्योंकि मंगल भूमि, भवन, संपत्ति प्रदायक और कर्ज मुक्ति के ग्रह हैं इसलिए इस दिन किया गया लक्ष्मी-कुबेर का पूजन स्थाई संपत्ति में वृद्धि करेगा और कर्ज मुक्ति करवाएगा। इस दिन भौम प्रदोष व्रत भी है। इस दिन त्रिपुष्कर योग होने के कारण खरीदी गई वस्तुएं तीन गुना फल देंगी।
कलश और बर्तन खरीदना शुभ
धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। प्राचीनकाल में इस दिन कलश खरीदा जाता था। इसके पीछे मान्यता है किइस दिन समुद्र मंथन के दौरान हाथों में अमृत कलश लेकर भगवान धनवंतरि प्रकट हुए थे। इसलिए प्रतीकात्मक रूप में कलश खरीदकर घर लाया जाता है, ताकिपरिवार में सुख-समृद्धि के साथ सभी का आरोग्य भी बना रहे। धनतेरस के दिन लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेर और यम की पूजा भी की जाती है।
कैसे करें धनतेरस पूजा
धनतेरस के दिन प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व उठकर घर की साफ-सफाई करके पोंछा लगाएं। घर के बाहर भी आंगन को झाड़ू से बुहारें। स्नानादि से निवृत्त होकर विभिन्न रंगों और फूलों और रंगों से घर मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर रंगोली सजाएं। पूजा स्थान को भी साफ करके भी देवताओं का पूजन करें। धनतेरस की पूजा सायंकाल के समय की जाती है। सूर्यास्त के बाद पूजा स्थान में उत्तर दिशा की ओर यक्षराज कुबेर और धनवंतरि की मूर्ति या चित्र स्थापित करके उनकी पूजा करें। इससे पहले भगवान गणेश और लक्ष्मी का पूजन भी करें। कुबेर को मावे की सफेद मिठाई या खीर का नैवेद्य लगाएं तथा धनवंतरि को पीली मिठाई भोग के रूप में अर्पित करें। पूजा में पीले-सफेद फूल, पांच प्रकार के फल, चावल, रोली, चंदन, धूप व दीप का इस्तेमाल करें। इस बार इसी रात्रि में चतुर्दशी का दीपदान भी किया जाएगा। इसके लिए यम देवता के नाम पर दक्षिण दिशा में चार बत्ती वाला दीपक लगाएं और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करें।
व्यापारी कैसे करें पूजा
धनतेरस के दिन अपने प्रतिष्ठानों में व्यापारी भी पूजन करते हैं। इस दिन अपने प्रतिष्ठान, दुकान में साफ-सफाई करके नई गादी बिछाई जाती है। जिस पर बैठकर नए बही खातों का पूजन किया जाता है। दुकान में लक्ष्मी और कुबेर का पूजन भी किया जाता है। यह कार्य पंचांग में शुभ मुहूर्त देखकर सायंकाल के समय किया जाता है।
बना त्रिपुष्कर योग
धन त्रयोदशी के दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है। इसलिए इस दिन खरीदी गई संपत्ति, आभूषण आदि में तीन गुना वृद्धि होगी। यह त्रिपुष्कर योग तिथि, वार और नक्षत्र के संयोग से बना है। प्रात:काल द्वादशी तिथि, मंगलवार और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र से मिलकर त्रिपुष्कर योग बना है। इस योग में किया गया कार्य तीन गुना फल देता है।
स्थापित करें मंगल यंत्र, पहनें मूंगा के गणेश
इस बार की धनतेरस के दिन मंगलवार का संयोग बना है। कर्ज मुक्ति के लिए इस दिन मंगल यंत्र की स्थापना करना चाहिए। रात्रि में ऋणमोचक मंगल स्तोत्र के 51 पाठ करने से शीघ्र कर्ज मुक्ति का मार्ग खुलता है। धन का आगमन बढ़ता है। इसके साथ ही लाल मूंगे से बने गणेश जी मूर्ति घर में स्थापित करने या मूंगे के गणेशजी का पेंडेंट गले में पहनने से कर्ज मुक्ति होती है।
धनतेरस पर पूजन मुहूर्त
- धनतेरस पूजन मुहूर्त- सायं 6.32 से रात्रि 8.21 बजे तक
- अवधि 1 घंटा 49 मिनट
- प्रदोष काल : सायं 5.48 से रात्रि 8.21 बजे तक
- वृषभ लग्न : सायं 6.32 से रात्रि 8.30 बजे तक
- लाभ : सायं 7.24 से 8.59 बजे तक
त्रयोदशी तिथि
- प्रारंभ 2 नवंबर को प्रात: 11.32 बजे से
- समाप्त 3 नवंबर को प्रात: 9.32 बजे तक
English summary
Dhanteras is coming in Tripushkar Yoga on Tuesday,see all details.
Story first published: Friday, October 29, 2021, 7:00 [IST]