इकॉनमिक टाइम्स के मुताबिक, एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि अवैध बिजनेसेज के जरिए जुटाई गई कमाई का एक बड़ा हिस्सा क्रिप्टोकरेंसी और अचल संपत्ति खरीदने के लिए निवेश किया गया है। पैसे को हवाला ट्रांजैक्शंस के जरिए वॉलेट में भेजा जाता है। फिर उन वॉलेट का इस्तेमाल अचल संपत्ति खरीदने के लिए किया जाता है। अधिकारी के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) इस मामले में पसंदीदा जगहों में से एक है। दाऊद इब्राहिम का क्रिमिनल सिंडिकेट जिसे D-कंपनी के नाम से भी जाना जाता है, उसके पास UAE में पैसा भेजने के लिए हवाला का मजबूत नेटवर्क है।
इस हफ्ते की शुरुआत में ED ने इब्राहिम और उसके करीबी सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया और दो बिल्डरों समेत दाऊद की दिवंगत बहन हसीना पारकर के नागपाड़ा वाले घर समेत पूरे मुंबई में छापे मारे। जांच एजेंसी, इब्राहिम के भरोसेमंद छोटा शकील के एक करीबी रिश्तेदार से पूछताछ कर रही है। अधिकारी ने कहा कि जांच अभी भी चल रही है और कई ट्रांजैक्शंस का पता लगाया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, अवैध फाइल शेयरिंग के लिए प्रमुख तौर पर प्रतिबंधित एक्सेस वाले कंप्यूटर नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है। यह जांच को मुश्किल बना रही है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि D-कंपनी, डार्कनेट और क्रिप्टो के मामलों में जांच में परेशानी आती है। दूसरी ओर, डार्कनेट की वजह से सट्टेबाजी आसान हो जाती है। अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान अवैध सट्टेबाजी D-कंपनी के मुख्य बिजनेस के रूप में उभरी है।
अधिकारियों के मुताबिक, डार्कनेट और क्रिप्टो ने क्रिप्टो महामारी में भी सट्टेबाजी के बिजनेस को पनपने दिया है। यह हजारों करोड़ रुपये वाली समानांतर इकॉनमी है। क्रिप्टोकरेंसी इसमें नई चीज है, जिससे ट्रांजैक्शन आसान हो जाता है। गौरतलब है कि ED, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, केंद्रीय जांच ब्यूरो और कई राज्यों की पुलिस ने टेररिज्म और नार्को-टेररिज्म में क्रिप्टोकरेंसी के गलत इस्तेमाल पर चिंता जताई है।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।