यह बिल संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की जाने वाली ऑफिशिअल डिजिटल करेंसी के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक फ्रेमवर्क तैयार करना चाहता है। यह भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने का भी प्रयास करता है। बिल में केवल कुछ चुनिंदा क्रिप्टोकरेंसी की तकनीक और इस्तेमाल को बढावा देने की बात कही गई है।
राज्यसभा में कई सवालों का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा, ‘कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह बिल सदन में आएगा।
सरकार ने पिछले संसद सत्र (मानसून) के लिए भी इसी तरह के एक बिल को लिस्ट किया था, लेकिन इसे उसमें नहीं लिया गया था। “पहले प्रयास निश्चित रूप से एक बिल के साथ आने का था जिस पर सदन विचार कर सकता है। लेकिन बाद में, चूंकि तेजी से बहुत सी चीजें चलन में आनी थीं, हमने एक नए बिल पर काम करना शुरू कर दिया था। यह वह बिल है जो अब प्रस्तावित किया जा रहा है,” उन्होंने कहा कि मानसून सत्र के दौरान भी बिल लाने का “वास्तविक प्रयास” किया गया था।
मंत्री ने सदन को सूचित किया कि प्रस्तावित कानून जल्द ही पेश किए जाने की संभावना है। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार का मीडिया में भ्रामक विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है, उन्होंने कहा कि भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (Advertising Standards Council of India) के दिशा-निर्देशों को स्टडी किया जा रहा है और उनके नियमों पर भी गौर किया जा रहा है, ताकि हम जरूरत पड़ने पर किसी तरह का रुख अपना सकें और देख सकें कि इसे कैसे संभाल सकते हैं”।
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