गिरफ्तार किए गए संदिग्धों की पहचान बृजेश गड़ियाली और किरण पंचासरा के रूप में हुई है। दोनों सूरत के रहने वाले हैं। दो अन्य आरोपी धवल लहरी और हितेश गुप्ता फरार हैं। राजकोट के पुलिस कमिश्नर मनोज अग्रवाल का दावा है कि दोनों फरार आरोपियों के विदेश में होने की संभावना है। आयुक्त ने यह भी कन्फर्म किया कि रैकेट की शुरुआत सूरत से हुई होगी, जो जल्द राजकोट में फैल गया।
NewsroomPost की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों ने लोगों को ट्रॉन Tron क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सलाह दी। वादा किया कि निवेशकों के वर्चुअल वॉलेट में रोजाना 2 फीसदी प्रॉफिट का भुगतान करेंगे। इस वादे की वजह से 150 दिनों के अंदर तीन गुना से अधिक निवेश मिल गया। इसके बाद आरोपियों ने निवेशकों से कहा कि वो अपने निवेश को तीन गुना करने के लिए बाकी लोगों को इस स्कीम से जोड़ें। इसके लिए इनाम के तौर पर 10 फीसदी अतिरिक्त कमीशन देने की बात भी कही गई थी।
योजना में शामिल 17 पीड़ितों ने 52.20 लाख रुपये निवेश किए और उन्हें विभिन्न चैनलों के जरिए 13.90 लाख रुपये कैश, बैंक ट्रांसफर आदि से हासिल हुए। राजकोट क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर वीके गढ़वी के अनुसार, उदयपुर में आयोजित एक शो के दौरान आरोपियों ने मेगाट्रॉन Megatron नाम से अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च की थी।
पुलिस इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपियों ने मेगाट्रॉन और ट्रॉन की वैल्यू एक बराबर होने का वादा निवेशकों से किया था। अगले दिन मेगाट्रॉन की वैल्यू घट गई और यह 00.001 रुपये पर पहुंच गई। इससे 38 लाख रुपये का नुकसान हुआ।
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