कॉइनटेलिग्राफ के मुताबिक, पिछले सप्ताह जब बिटकॉइन (BTC) की वैल्यू 15 फीसदी से अधिक बढ़ गई थी, तो इंडस्ट्री के कुछ विशेषज्ञों ने कहा था कि ऐसा रूस के लोगों द्वारा अधिक क्रिप्टोकरेंसी खरीदने की वजह से है। हालांकि ऐसा होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। चैनालिसिस के आंकड़ों से पता चलता है कि गुरुवार को रूबल डिनामनेट क्रिप्टो ट्रेडिंग वॉल्यूम सिर्फ 34.1 मिलियन डॉलर था। एक हफ्ते पहले 24 फरवरी को यह 70.7 मिलियन डॉलर पर रिकॉर्ड किया गया था। इस तरह इसमें 50 फीसदी की गिरावट देखी गई है।
इस बारे में ब्लूमबर्ग से बात करते हुए सिटीग्रुप के विश्लेषक अलेक्जेंडर सॉन्डर्स ने कहा कि अब तक रूसी वॉल्यूम कम रहा है। एक्सपर्ट इस आइडिया को खारिज कर चुके हैं कि क्रिप्टो का इस्तेमाल रूस को आर्थिक प्रतिबंधों से बचने में मदद करने के लिए किया जा सकता है। इसके बाद भी अमेरिका और यूरोपियन यूनियन डिजिटल असेट्स को लेकर अपनी रेगुलेटरी जांच आगे बढ़ा रहे हैं, ताकि इन देशों से रूस को क्रिप्टो के जरिए मदद ना मिल सके।
रूस का समर्थन करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल संपत्ति का इस्तेमाल ना किया जा सके, इसके लिए न्यू यॉर्क के प्रशासन ने ब्लॉकचेन पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है। न्यू यॉर्क की गवर्नर कैथी होचुल ने 27 फरवरी को एक आदेश जारी किया। इसमें राज्य की एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि वह रूसी संस्थानों और उन्हें मदद देने वाली संस्थाओं को सपोर्ट नहीं करें।
इस बीच, शुक्रवार को बिटकॉइन की कीमत (Bitcoin price in India today) गिरती नज़र आई। मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी गुरुवार के दौरान 2.7 प्रतिशत की गिरावट के बाद पिछले 24 घंटों में एक बार फिर 4.76 प्रतिशत गिर गई और खबर लिखे जाने तक भारतीय एक्सचेंज CoinSwitch Kuber पर $43,678 (लगभग 33 लाख रुपये) पर ट्रेड हो रही थी। इंटरनेशनल एक्सचेंज्स पर बिटकॉइन की कीमत पिछले 24 घंटों में 4.74 प्रतिशत की गिरावट के साथ $41,726 (लगभग 31.5 लाख रुपये) थी। CoinGecko के आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक हफ्ते में बिटकॉइन की वैल्यू (Bitcoin latest value) अभी भी 8.2 प्रतिशत बढ़ी है।
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