कमोडिटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग रेगुलेटर के डेटा से पता चलता है कि पिछले वर्ष कमोडिटी फ्यूचर्स मार्केट में क्रिप्टो एसेट ट्रांजैक्शंस 10 गुना से अधिक बढ़ी थी। Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया में लोगों को एक कमोडिटी के तौर पर क्रिप्टो एसेट्स में ट्रेडिंग करने की अनुमति है लेकिन पेमेंट के जरिए के तौर पर इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
टैक्स अधिकारी Hestu Yoga Saksama ने बताया, “क्रिप्टो एसेट्स पर VAT लगेगा क्योंकि ट्रेड मिनिस्ट्री की परिभाषा के तहत ये करेंसी नहीं ब्लकि एक कमोडिटी है। इस पर VAT और इनकम टैक्स लगाया जाएगा।” उन्होंने कहा कि टैक्स लगाने के लिए सरकार रेगुलेशन को लागू करने पर काम कर रही है। क्रिप्टो एसेट्स पर VAT का रेट इंडोनेशिया में अधिकतर गुड्स और सर्विसेज पर लगने वाले 11 प्रतिशत से काफी कम है। कैपिटल गेन्स पर इनकम टैक्स ग्रॉस ट्रांजैक्शन वैल्यू का 0.1 प्रतिशत होगा, जो शेयर्स के समान है। अधिकारियों का कहना है कि पिछले वर्ष पारित किया गया टैक्स कानून क्रिप्टो एसेट्स पर टैक्स लगाने का आधार है। इस कानून का लक्ष्य रेवेन्यू को बढ़ाना था।
भारत में इस महीने की शुरुआत से क्रिप्टोकरेंसीज की ट्रेडिंग से मिलने वाले प्रॉफिट पर टैक्स लागू हुआ है। इस वर्ष के बजट में क्रिप्टो से जुड़े कानून का प्रस्ताव दिया गया था और यह संसद में पारित हुआ था। इससे वर्चुअल डिजिटल एसेट्स देश में टैक्स के दायरे में आ जाएंगे। हालांकि, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स की परिभाषा को लेकर भ्रम की स्थिति है। क्रिप्टो ट्रेडिंग से मिलने वाले प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत का टैक्स चुकाना होगा। इसके अलावा प्रत्येक क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत का TDS भी लागू हो गया है। इन नियमों का उल्लंघन करने वाले मुश्किल में पड़ सकते हैं। नए क्रिप्टो कानून का उल्लंघन करने वालों सात वर्ष तक की कैद हो सकती है। क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़े बहुत से लोगों के विरोध के बावजूद देश में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के लिए कानून लागू किए गए हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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