डिजिटल डेस्क, बीजिंग। कोविड महामारी की रोकथाम और नियंत्रण में भारी उपलब्धियों ,गरीबी उन्मूलन में निर्णायक विजय और तेज आर्थिक बहाली के साथ-साथ चीन के आत्मविश्वास को अभूतपूर्व मजबूती मिली है । अब चीन ने लोकतंत्र के बारे में नया झंडा फहराया है । चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने इस चीनी विशेषता वाले लोकतंत्र को समग्र लोकतंत्र का नाम दिया है । ध्यान रहे, शी जिनफिंग ने हाल ही में आयोजित चीनी केंद्रीय जन प्रतिनिधि सभा कार्य बैठक पर एक अहम भाषण देकर पूरी प्रक्रिया वाले जन-लोकतंत्र यानी समग्र लोकतंत्र का विस्तृत व्याख्यान किया । समग्र लोकतंत्र का उद्देश्य देश में जनता के अधिकारों को सही माइने में सुनिश्चित करना है । इसे पूरा करने के लिए जन प्रतिनिधियों के चुनाव के अलावा सत्तारूढ़ पार्टी और सरकार के निर्णय लेने , निष्पादन करने और निगरानी करने जैसे राष्ट्रीय शासन के हरेक अंक में जनता की आवाज की गारंटी होनी चाहिए। जन प्रतिनिधि सभा का तंत्र चीन में पूरी प्रक्रिया वाला यानी समग्र लोकतंत्र पूरा करने का महत्वपूर्ण माध्यम है।
स्थानीय विश्लेषकों के विचार में चीन ने जो समग्र लोकतंत्र की प्रस्तुति की है ,वह घरेलू शासन के सुधार के अलावा लोकतंत्र के मुद्दे पर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के आरोप के प्रति स्पष्ट जवाब भी है । लंबे समय से पश्चिमी देश अकसर लोकतंत्र और मानवाधिकार के नाम से चीन पर आरोप लगाते रहे हैं और उसके अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने की कोशिश करते है । इस बार चीन ने नयी किस्म वाला लोकतंत्र का झंडा उठाया है । जाहिर है कि चीन लोकतंत्र के क्षेत्र में पश्चिमी देशों के घेरे को तोड़ना चाहता है । चीन के विचार में लोकतंत्र का जन्म पश्चिम में हुआ है ,लेकिन वह कुछ गिने-चुने पश्चिमी देशों का पेटेंट नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में कोई देश लोकतांत्रिक है या नहीं ,इसका मूल्यांकन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा किया जाना चाहिए न कि अल्पसंख्यक देशों द्वारा । लोकतंत्र पूरा करने के कई तरीके हैं। लोकतंत्र अलंकार और सजावट नहीं है। वह आम लोगों की समस्या के समाधान का उपकरण है।
(आईएएनएस)